नई दिल्ली: जामिआ इस्लामीया हॉस्टेल्स में मुक़ीम लड़कीयों के लिए नए क़वानीन और सख़्त पाबंदीयां नाफ़िज़ की गई हैं। इन लड़कीयों को शराइत-ओ-ज़वाबत पर सख़्ती से अमल करने का लज़ूम रखा गया है। रात देर गए तालिबात को बाहर जाने और हॉस्टेल्स के कमरों से बाहर निकलने की हरगिज़ इजाज़त नहीं दी गई है।
इस पर तालिबात में बेचैनी पैदा हुई और इंतेज़ामिया के फ़ैसले को जांबदाराना क़रार दिया, ताहम जामिआ के ओहदेदारों ने दावा किया कि ये फ़ैसला तालिबात के मुफ़ादात में बेहतर है। हॉस्टेल का इंतेज़ामिया सिर्फ़ हक़ीक़ी ज़रूरतमंद तालिबात को क़ियाम की इजाज़त देगा।
हॉस्टल में मुक़ीम लड़कीयों को हिदायत दी गई है कि किसी को भी रात देर गए बाहर जाने या बाहर से आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। लड़कीयों को हॉस्टल के क़वाइद-ओ-शराइत पर सख़्ती से अमल करना होगा। ये सख़्ती आपके ही मुफ़ाद में है। जामिआ की जानिब से जारी करदा नोटिस में बताया गया है कि हॉस्टेल्स में मुक़ीम क़वानीन को रात 10 बजे तक बाहर रहने की इजाज़त है।
एक माह में सिर्फ दो मर्तबा वो रात 10 बजे तक बाहर जा सकती है जबकि हॉस्टेल्स में आम दिनों में बाहर रहने का वक़्त रात 8 बजे मुक़र्रर है। तालिबान को इन क़वाइद पर अमल करना होगा। तालिबात ने कहा कि जामिआ इस्लामीया के ये क़वानीन सिर्फ़ लड़कीयों के लिए हैं जबकि लड़कों के हॉस्टेल्स के लिए कोई पाबंदी नहीं है।