नई दिल्ली : शिक्षण संस्थान जामिया मिलिया इस्लामिया के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी (FET) की ओर से आयोजित होने वाला फैशन शो शनिवार को रद्द कर दिया गया। कुछ छात्रों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह कार्यक्रम ‘इस्लामिक आचार’ और जामिया की ‘तहजीब’ के खिलाफ है। ‘तर्ज ए लिबास’ नाम का यह कार्यक्रम एफईटी के सालाना फेस्ट एक्सटेसी के तहत शनिवार को आयोजित होना था। हालांकि, ‘स्टूडेंट्स ऑफ जामिया’ के बैनर तले 12 छात्रों के एक समूह ने पहले आयोजनकर्ताओं को इस कार्यक्रम को न कराने के लिए मनाने की कोशिश की। बाद में इस समूह ने वेन्यू के बाहर प्रदर्शन भी किया। बाद में कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
स्टूडेंट्स ऑफ जामिया के सदस्य अरशद वारसी के मुताबिक, उन्होंने शुरुआत में आयोजनकर्ताओं को कहा कि यह कार्यक्रम ‘इस्लामिक आचार’ के खिलाफ है। आयोजनकर्ताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसके बाद वे वेन्यू पर सुबह 10 बजे पहुंच गए। वारसी ने कहा, ‘हर यूनिवर्सिटी की अपनी तहजीब होती है। हमारी संस्कृति इस्लामिक मूल्यों पर आधारित है। हमने आयोजनकर्ताओं से कहा कि विदेशी संस्कृति को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।’ बता दें कि एफईटी के डीन के साथ बातचीत नाकाम रहने के बाद छात्रों का समूह प्लेकार्ड आदि लेकर शाम 4 बजे वेन्यू पहुचा। समूह की ओर से जारी बयान में बताया गया, ‘आखिरकार, आयोजनकर्ताओं ने ऐलान किया कि यह सब कुछ रोक दिया गया है।’
वहीं, एक आयोजनकर्ता सदफ फातिमा ने बताया कि प्रदर्शन ‘बाहरियों’ द्वारा किया गया और कार्यक्रम को समय की कमी की वजह से रद्द किया गया। हालांकि, एक अन्य प्रदर्शनकारी मोहम्मद मेहदी रिजवी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं था। हमें ये लोग धमका रहे थे…।’ रिजवी के मुताबिक, शो इसलिए कैंसिल किया गया क्योंकि मामला ‘सुरक्षा’ का बन गया था। वहीं, जामिया के पीआरओ अहमद अजीम ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है, इसलिए जानकारी बिना इस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।