जामिया मुशायरा: झारखंड से मैं मिन्हाज अंसारी बोल रहा हूं

दिल्ली: शहीद अशफाक उल्ला खान की स्मृति में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली में शनिवार को ‘कुल हिंद मुशायरा’ का आयोजन किया गया। ‘एक शाम शहीद अशफाक उल्ला खान के नाम’ से आयोजित इस मुशायरे में दूर-दूर से आए शायरों ने भाग लिया। इसके अलावा मुशायरे में दिल्ली सरकार के मंत्री और अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे। हर साल यह मुशायरा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर आयोजत होता रहा है मगर इस बार ये शहीद अशफाक उल्ला खान के जन्मदिन पर आयोजित किया गया।

इस मुशायरे में युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने खूब वाहवाही बटोरी। एक अलग अंदाज में उन्होंने अपने नज़्मों को जवाहर लाल नेहरू यूनिर्वसिटी (जेएनयू) से गायब छात्र नजीब और झारखंड के पुलिस टॉर्चर में मारे गए मिन्हाज अंसारी के नाम किया। जेएनयू के छात्र नजीब की मां का दर्द उकेरते हुए उन्होंने ये शेर पढ़े-

उसे लेकर वापस चली जाऊंगी मैं
पलटकर कभी भी नहीं आऊंगी मैं
वो मेरे बुढ़ापे का सहारा है
वो बिछड़ा तो जिंदा मर ही जाऊंगी मैं

पिछले साल भी इमरान प्रतापगढ़ी ने दादरी के अख़लाक के परिवार का दर्द बयां किया था। इस बार भी उनके शेरों और नज़्मों में मौजूदा साम्प्रादायिक तनाव की झलकी और मुसलमानों का दर्द साफ सुनने को मिला। झारखंड के मिन्हाज और उसके दर्द रेखांकित करते हुए उन्होंने ये पंक्तियां पढ़ी-

आज मेरी कल आपकी भी आएगी बारी
बोल रहा हूं झारखंड से मैं मिन्हाज अंसारी बोल रहा हूं
मेरे नाम में मीम जुड़ा है ये मेरा कुसूर हुआ है
इसलिए मुझे मौत के घाट उतार दिया गया है
रघुवर दास की पुलिस बनी मेरी हत्यारी बोल रहा हूं
मैं झारखंड से मिन्हाज अंसारी बोल रहा हूं।