जामीअत उल मोमीनात‌ में डाक्टर एस ए शकूर की तहनीय‌ती तक़रीब

हैदराबाद । सेक्रेटरी ‍ओ‍ डायरेक्टर उर्दू एकेड्मी आंधरा प्रदेश डाक्टर एस ए शकूर की तहनीय‌ती तक़रीब जामीअतउल मोमिनात‌ मुग़ल पूरा में मुफ़्ती मुहम्मद हसन उद्दीन सदर मुफ़्ती जामिअत उल मोमीनात की सदारत में मुनाक़िद हुई ।

तक़रीब का आग़ाज़(प्रारंभ) हाफ़िज़ा इमरोज़ा बानो की क़िरात और का रिया नाज़ मुहम्मदी की नात शरीफ से हुआ । डाक्टर एस ए शकूर ने अपने ख़िताब(संबोधन) में कहा कि उर्दू ज़बान के फ़रोग़-ओ-नशर-ओ-इशाअत के लिए मेरी ख़िदमात वक़्फ़ हैं । मैं बच्पन ही से उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी में पेश पेश रहा हूँ और हर उस तंज़ीम से मुंसलिक रहा जो उर्दू की तरक़्क़ी के लिए बनाई गई थी ।

जनाब मुहम्मद फ़ारूक़ अली ख़ां एडवोकेट ने अपने ख़ुसूसी ख़िताब में कहा कि जनाब एस ए शकूर का ताल्लुक़ तालीमी मैदान से है और वो इन मसाइल से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं । उम्मीद की जाती है कि बेहतर से बेहतर ख़िदमात अंजाम देंगे ।

मुफ़्ती मुहम्मद हसन उद्दीन ने मौसूफ़ को उर्दू एकेड्मी की डायरेक्टर की हैसियत से इंतेख़ाब पर मुबारकबाद पेश की । मीर शुजाअत अली मसऊद साबिक़ डिप्टी सेक्रेटरी माइनारीटी वेलफ़ेय‌र ने कहा कि नए मुंतख़ब डायरेक्टर से पुर ज़ोर अपील की कि वो उर्दू दर्सी किताबों की इशाअत के लिए अलाहिदा फ़ंड मंज़ूर करवाएं ।

जनाब अहमद बशीर उद्दीन फ़ारूक़ी साबिक़ा डिप्टी एज्युकेशन ऑफीसर ने कहा कि एस ए शकूर इदारा अदबियात उर्दू के भी मोतमद के ओहदा पर फ़ाइज़ हैं । उर्दू ज़बान की ख़िदमात का तजुर्बा रखते हैं जनाब फरीद ने कहा कि एस ए शकूर को जो भी ज़िम्मा दारियां दी गई वो बहुस्न-ओ-ख़ूबी अंजाम दिया ।

इस मौके पर उन्हों ने उन की शान में उर्दू में चंद अशआर भी कहे । मौलाना मुहम्मद खलील उल्लाह कुरैशी , मौलाना क़ाज़ी अज़मत उल्लाह जाफरी ने भी ख़िताब किया । मुफ़्ती हाफ़िज़ मुहम्मद मस्तान अली कादरी नाज़िम आला ने तमाम मेहमानों का ख़ैर मक़द्दम किया और एस ए शकूर को तहनियत पेश की । हाफ़िज़ मुहम्मद साबिर पाशाह कादरी ने शुक्रिया अदा किया ।