साहिबगंज में जाली नोट के धंधे में इंतजामिया शामिल है। इस मामले की जांच एनआईए और सीबीआई जैसी एजेंसियों से कराई जानी चाहिए। साबिक़ वज़ीरे आला और लीडर ऑपोज़िशन अर्जुन मुंडा ने पीर को पाकुड़ सर्किट हाउस में सहाफ़ियों से बातचीत में यह इल्ज़ाम लगाया।
उन्होंने कहा कि यह ताज़्ज़ुब का मौजू है कि साहिबगंज के एसपी छह छह महीने तक छुट्टी पर रहते हैं लेकिन रियासत के सीएम उनका तबादला तक नहीं करते। एसपी का जिले में मौजूद नहीं रहना मुज़्तबा है। मुंडा ने कहा, यहां किडनैपिंग का धंधा परवान पर है। ऐसे में एसपी का गायब रहना अपने आप में एक सवाल है। बंग्लादेश के रास्ते साहिबगंज तक जाली नोट पहुंच रहा है। पुलिस-इंतजामिया भी इसमें शामिल है।
मुंडा ने कहा कि रियासत में इंतजामिया पुरी तरह फेल है। उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि ओहदेदारों के साथ मिलकर वज़ीर कोयले की तस्करी, कुदरती वसायल का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। क़ौमी जायदाद का गैर क़ानूनी इंखिला गद्दारी का मामला है। उन्होंने कहा कि वज़ीर मुज़रिम गिरोह चला रहे हैं जिले के ओहदेदार भी रैकेट के दायरे में हैं।