लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गवर्नर राम नाइक की हरी झंडी मिलने के बाद अब जावेद उस्मानी को रियासत का चीफ इंफार्मेशन कमिशनर के ओहदा पर तकर्रुर किया जाएगा। उस्मानी की तकर्रुरी की सिफारिश वज़ीर ए आला अखिलेश यादव की सदारत में तश्कील सेलेक्शन कमेटी की तरफ से की गई थी।
हेल्थ मिनिस्टर अहमद हसन और विधान सभा के अपोजिशन लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य सेलेक्शन कमेटी के दिगर रुकन थे। रियासती हुकूमत के तरजुमान ने बताया कि गवर्नरराम नाइक की तरफ से सेलेक्शन कमेटी की सिफारिश को पीर के रोज़ मंजूर किया गया।
अब जल्द ही इंतेज़ामिया की तरफ से इस ताल्लुक में तकर्रुरी की नोटीफिकेशन जारी की जाएगी। तरजुमान ने बताया कि उस्मानी उत्तर प्रदेश के सीनीयर आईएएस आफीसर हैं। वे साल 1978 बैच के आईएएस आफीसर हैं। उस्मानी ने आईएएस के इम्तेहान में हिंदुस्तान में पहला दर्ज़ा हासिल किये था। उस्मानी का अकादमिक कैरियर कामयाब रहा है।
उन्होंने साल 1969 की हाईस्कूल के इम्तेहान में रियासत में तीसरा मुकाम तथा साल 1971 की इंटरमीडिएट की परीक्षा में पहला मुकाम हासिल किया था। उस्मानी ने साल1973 में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल की और इस इम्तेहान में भी वे युनिवर्सिटी में पहले मुकाम पर रहे।
उस्मानी ने साल 1974 में आईआईएम, अहमदाबाद में एमबीए के लिए दाखिला लिया। कोर्स के दौरान दोनों साल उन्होंने इदारे में चौथा मुकाम हासिल किया और उन्हें “इंडस्ट्री स्कॉलरशिप” भी फराहम की गई।
साल 1990-91 में उस्मानी ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमएससी (सोशल पॉलिसी) की डिग्री भी हासिल की थी। उस्मानी का 36 सालों का बेदाग इंतेज़ामी करियर है। इस मुद्दत मे उन्होंने जिला सतह, रियासती सतह , मरकज़ी हुकूमत और गैर मुल्कों में मुख्तलिफ ओहदा पर काम करते हुए बहुत इंतेज़ामी तजुर्बा हासिल किये है।