इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से कथित भारतीय जासूस की गिरफ्तारी के परिणाम में दोनों देशों के बीच पीछे राजनयिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं जबकि यह दावा किया जा रहा था कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत ड्यूविल प्रत्यक्ष इस जासूस का उपयोग कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह कुलभुशन यादव नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उस पर आरोप है कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का कार्यकर्ता है।
इसे दक्षिण बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तानी सेना ने यादव को एक इकबालिया वीडियो जारी किया है जिसमें उसने कहा कि वह भारतीय नौसेना के सेवा अधिकारी है। एक्सप्रेस टरीबोन ने आज यह जानकारी दी कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को चर्चा में भाग लेने का जो मेकानिज़म था अब वह खतरे में पड़ गया है क्योंकि जारीया विवाद में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत ड्यूविल का नाम सामने आया है।
इस मेकानिज़म के जरिए दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी। कहा गया है कि सेक्यूरिटी अधिकारियों का यह दावा है कि यादव के इकबालिया बयान से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान में हिंसा करने रॉ नीति के वास्तुकार हैं। सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा ने भी यह दावा किया था कि यादव को प्रत्यक्ष रूप में अजीत ड्यूविल उपयोग कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्यूविल के खिलाफ आरोपों की गंभीर परिणाम में पाकिस्तान इस बात के लिए मजबूर हो गया है कि वह एनएसए स्तर की बातचीत के संबंध में पुनर्विचार करे जिससे पिछले साल सहमत हो गया था। यह बातचीत पीछे हो रही थी जिसमें आतंकवाद जैसे मुद्दों पर विचार किया जा रहा था। एक सेक्यूरिटी अधिकारी ने सवाल किया कि क्या ऐसे व्यक्ति से सीधे बातचीत उपयुक्त होगी जो सीधे तौर पर पाकिस्तान में अस्थिरता पैदा करने में शामिल है? । कहा गया है कि सलाहकार राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच मेकानिज़म और इसलिए प्रभावित होता है तो इसके परिणाम में शांति प्रयासों की पूरी प्रक्रिया ही प्रभावित होकर रह जाएगा। भारत ने यह स्वीकार किया है कि यादव भारतीय नौसेना का अधिकारी हालांकि है इस आरोप को खारिज कर दिया गया है कि इसका सरकार से कोई संबंध है।