नई दिल्ली, 28 अप्रैल: कातिलाना हमले के बाद सरबजीत सिंह गहरी बेहोशी (डीप कोमा) की हालत में लाहौर के सरकारी जिन्ना अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरबजीत की हालत में सुधार नहीं होता, उसकी गहरी चोटों की सर्जरी नहीं की जा सकती।
वहीं उसकी हालत की नाज़ुकता को देखते हुए पाकिस्तान ने हफ्ते के दिन सरबजीत के घर के चार मेम्बरो को वीजा दे दिया है। नई दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमीशन ने उन्हें 15 दिनों का वीजा जारी किया।
सरबजीत की बहन दलबीर कौर, बीवी सुखप्रीत कौर और बेटियां पूनम और स्वप्नदीप अटारी सरहद पार कर आज ( एतवार) को जाएंगे। आफीसर उनके वीजा लेकर अमृतसर पहुंच चुके हैं।
पाकिस्तान में उनके रहने का इंतेजाम भी किया जा चुका है। दलबीर के मुताबिक हुकुमत ए पाकिस्तान ने सरबजीत के घर वालों मे से एक मेम्बर को लाहौर के अस्पताल में सरबजीत के पास रहने की भी इज़ाज़त दी है, जहां उसका इलाज चल रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने हिंदुस्तानी सिफारतखाने के दो मुलाज़िमों को अस्पताल में भी रहने की इज़ाज़त दी है।
वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह ने सरबजीत पर हुए हमले को ‘बेहद अफसोसनाक’ बताया है। वहीं हुकूमत ए हिंदुस्तान ने इस हमले और 49 साला सरबजीत की सेक्युरिटी में हुई संगीन चूक को लेकर पाकिस्तान से सख्त एहतिजाज जताया है। इस्लमाबाद में हिंदुस्तान के हाइ कमिशनर ने पाकिस्तान के वज़ारत ए खारेज़ा में एहतिजाज जाहिर किया।
सरबजीत पर जानलेवा हमले का हिंदुस्तान में एहतिजाज हो रहा है। हफ्ते के दिन कई शहरों में पाकिस्तान और आईएसआई मुखालिफ मुज़ाहिरे हुए। सरबजीत इस वक़्त आईसीयू में है।
उस पर हफ्ते को कोट लखपत जेल में कुछ कैदियों ने ब्लेड, ईंट और घी के टिन से बने हथियारों से बेरहमी से हमला किया था।
अस्पताल के एक सीनीयर डॉक्टर के मुताबिक, ‘सरबजीत के सिर, जबड़े, पेट समेत जिस्म के दूसरे हिस्से पर शदीद चोटें लगी हैं। उसकी हालत नाज़ुक है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।’
सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब सूबे में मुबय्यना तौर पर बम धमाके करके 14 लोगों की जान लेने के इल्ज़ाम में मौत की सजा सुनाई गई है। जबकि वह और हिंदुस्तान उसे बेगुनाह बताते रहे हैं।
इस बीच इस्लामाबाद से लाहौर पहुंचे हिन्दुस्तानी हाई कमिशनर के दो आफीसर ने हफ्ते के दिन सुबह सरबजीत की हालत का जायजा लिया।