लेकिन सालों से इस घटना की वजह से मानसिक तौर पर परेशान चल रही पीड़िता अब न्याय चाहती हैं. शिकायत के मुताबिक, जितेंद्र पीड़िता को उसके पिता की परमिशन से फिल्म की शूटिंग दिखाने ले गए थे. कथित तौर पर होटल में उन्होंने रात में नशे की हालत में पीड़िता के साथ यौन दुर्व्यवहार किया. शिकायत के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने एहतियाती कारणों से अपनी पहचान छिपाए रखने की बात कही है.
इस बीच जितेंद्र के वकील रिजवान सिद्दीकी ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज़ करते हुए उसे बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि करीब 50 साल पुराने इस तरह के बेबुनियाद और बकवास आरोपों को कोई भी कानून एंटरटेन नहीं करता। क़ानून के तहत भी कोई भी शिकायत तीन साल के भीतर करनी होती है ताकि उसकी अच्छी तरह से जांच हो। साथ ही क़ानून किसी को भी इस तरह की इजाजत नहीं देता कि किसी कथित छिपे हुए उद्देश्य के तहत कोई भी किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ सार्वजानिक रूप से तथ्यहीन आरोप लगाए। ये उनके मुवक्किल को नुकसान पहुँचाने की साजिश है.
बता दें, #MeToo जैसे नारीवादी जागरूकता अभियानों के बाद, पीड़ितों ने अपने साथ हुए हैरेसमेंट के खिलाफ खुलकर बोलना शुरू किया. एक ऐसा माहौल तैयार हुआ जिसने उन लोगों को सामने आकर बोलने की हिम्मत दी जो अपने ही परिवार, रिश्तेदार, नजदीकी लोगों से सेक्सुअल हैरेसमेंट का शिकार हुए.
जितेन्द्र लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेता रहे हैं. फिलहाल वो बालाजी टेलीफिल्म्स, बालाजी मोशन पिक्चर्स और एएलटी एंटरटेनमेंट के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने संजोग, औलाद, मजाल, जस्टिस चौधरी, मवाली (1983), हिम्मतवाला (1983), जानी दुश्मन (1979) और तोहफा (1984) जैसी कई हिट फिल्में की हैं. वो एक्टर तुषार कपूर और निर्देशक-निर्माता एकता कपूर के पिता हैं जो बालाजी टेलीफिल्म्स चलाती हैं. जितेंद्र ने शोभा कपूर से शादी की थी.