शाम में अमन के लिए जिनेवा में मुनाक़िदा बात-चीत में ताहाल कोई पेशरफ़्त नहीं हो सकी जबकि हिज़्बे मुखालिफ़ का कहना है कि हुकूमत के साथ अमन मुज़ाकरात बंद गली में पहुंच गए हैं।
हिज़्बे मुखालिफ़ के तर्जुमान लवाए साफ़ी ने इस का इल्ज़ाम हुकूमत के सख़्त रवैये पर आइद किया जबकि शाम के नायब वज़ीरे ख़ारजा फ़ैसल मीकदाद का कहना है कि हिज़्बे मुखालिफ़ का एजेंडा ग़ैर हक़ीक़त पसंदाना है।
अपोज़ीशन शाम के सदर बशारुल असद के बगै़र मुल्क में एक उबूरी हुकूमत की तशकील पर बात-चीत करना चाहती है। हुकूमत का कहना है कि मुज़ाकरात का महवर दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ लड़ाई है।