केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर वाले मामले पर कहा कि पाकिस्तान के जनक जिन्ना के समर्थन में उतरे मुसलमान देश के महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। जिन्होंने जिन्ना के विचारों (टू नेशन थ्योरी) को नकार दिया था। जिसके हाथ खून से रंगे हों, क्या उसकी तस्वीर दीवार पर लगाएंगे? बता दें कि कई दिनों से जिन्ना की तस्वीर के विवाद में एएमयू और दिल्ली में प्रदर्शन हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ”एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगाने पर देशभर में धमासान जारी है। भाजपा नेता इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार शख्स की तस्वीर जनता के पैसे से चलने वाले संस्थान में लगाने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”
”कुछ लोग गैर मुस्लिम होकर जिन्ना की तस्वीर के समर्थन में खड़े हैं, क्योंकि उनका सोचना है कि उनकी आजादी को दबाया जा रहा है। ऐसे में लोगों को यह भी देखना चाहिए कि क्या आप उस आदमी की कोई फोटो घर में लगाएंगे, जिसके हाथ हमारे अपनों के खून से रंगे हों।”
सिंह ने आगे कहा, ”नि:संकोेच, आजादी हर किसी का अधिकार है, पर हम भूल गए हैं कि इसे हासिल करने के लिए कितने महान लोगों ने अपना खून बहाया। आज क्या वो आजादी मांगने के हमारे तरीके पर गर्व करते?”
”अगर आप मुसलमान हैं और जिन्ना की तस्वीर अपनी दीवार पर लटकाना चाहते हैं तो यह हमारे पूर्वजों की बेइज्जती होगी। उन्होंने जिन्ना के विचारों को सिरे से खारिज कर दिया था। सिर्फ इसीलिए आज आप भारतीय हैं।”
वीके सिंह ने कहा ”अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को हमारे देश के अग्रिम संस्थानों में गिना जाता है। आपकोे सावधान रहना चाहिए कि पूरा देश आपसे किस प्रकार की अपेक्षा रखता है- बुद्धि और विवेक की या दकियानूसी मानसिकता एवं कट्टरता की।”
बता दें कि अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर को पिछले दिनों चिट्ठी लिखकर सवाल किया था कि देश का बंटवारा कराने वाले की तस्वीर यूनिवर्सिटी में क्यों लगी है? इसी के बाद मुद्दा गरमाया।