ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुसलमानों को जिन्ना से न तो कभी कोई लगाव रहा और न ही यहां के मुसलमानों ने उनसे मोहब्बत की। एएमयू प्रशासन को चाहिए था कि वह उनकी तस्वीर खुद हटा देता। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जहां तक जिन्ना को लेकर हंगामे का सवाल है तो यह सियासी है। बंटवारे को किसी ने अच्छा नहीं माना। इसके जिम्मेदार जिन्ना के साथ कई लोग थे। मुल्क के मुसलमानों ने जिन्ना को कभी तवज्जो नहीं दी और न ही उनसे कोई लगाव रखा। बंटवारे के कारण देश के मुसलमानों को जुल्म-ज्यादती का शिकार होना पड़ता है।
फरंगी महली ने कहा कि सरकार एक कानून बनाए। अंग्रेजी हुकूमत में ज्यादती करने वालों की चाहें सरकारी इमारतों या प्राइवेट जगहों पर इनकी तस्वीरें हैं हटा दिया जाए। जिन्ना हाउस को खत्म किया जाए।