जिन्सी ज़्यादती मुआमला की किसी दबाव‌ के बगै़र तहक़ीक़ात

चीफ़ मिनिस्टर राजस्थान अशोक गहलोत‌ ने आज कहा कि ख़ुदसाख़ता स्वामी आसा राम बापू के जिन्सी ज़्यादती मुआमला में पुलिस को किसी भी एतबार से किसी के दबाव‌ में नहीं आना चाहिए और तहक़ीक़ात के बाद जो भी नतीजे आए, उसके हिसाब से सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

गहलोत‌ ने आज मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे से मुलाक़ात की, बताया कि उन्होंने जिन्सी ज़्यादती मुआमला में अब तक होने वाली पेशरफ़त से मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला को वाक़िफ़ करवाया। ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि में ये वाज़ह करदेना चाहता हूँ कि इस मुआमले में पुलिस को किसी भी किस्म के दबाव‌ में आने की ज़रूरत नहीं है और मुकम्मल तौर पर तहक़ीक़ात की जानी चाहिए और तहक़ीक़ात का जो भी नतीजा बरामद हो, उसके मुताबिक़ कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने ये बात उस वक़्त कही जब उनसे पूछा गया कि आसा राम बापू इस मुआमले में कब गिरफ़्तार किए जाऐंगे। वाज़ह रहे कि आसा राम बापू को अपने ही गुरूकुल में पढ़ने वाली एक तालिबा के साथ जिन्सी ज़्यादती के इल्ज़ामात का सामना है। उन्होंने कहा कि मैंने ये वाज़ह कर दिया है कि कोई भी शख़्स क़ानून से बालातर नहीं है और क़ानून अपना काम बख़ूबी अंजाम देगा।

उन्होंने मज़ीद कहा कि पुलिस की एक टीम इंदौर (मध्य प्रदेश) पहुंच गई है और इस केस के हवाले से आसा राम बापू के ख़िलाफ़ जारी की गई नोटिस उनके हवाले करदी गई है। चीफ़ मिनिस्टर राजस्थान ने ताहम मज़ीद कहा कि साधू और संतों को इस तरह के तनाज़आत से हमेशा ख़ुद को दूर रखना चाहिए, क्योंकि वो समाज के एक मज़हबी और मुक़द्दस शख़्सियत माने जाते हैं जिन से आम आदमी मज़हबी एतबार से अक़ीदत रखता है।