होकूमत-ए-पाकिस्तान ने कहा है कि जिलावतन बलोच रहनुमाओं के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात वापस लिए जा सकते हैं बशर्ते कि वो वतन वापस होजाएं । बलोचिस्तान के लिए हक़-ए-ख़ुद इख़तियारी के मुतालिबे के साथ अमरीकी कांग्रेस में क़रारदाद मुतआरिफ़ किए जाने के चंद यौम में ही पाकिस्तान की जानिब से इस तरह की पेशकश को अहमियत की नज़र से देखा जा रहा है ।
वज़ीर दाख़िला रहमान मलिक ने उसे बयान में जिसे बलोचिस्तान से मुताल्लिक़ तात्तुल को ख़तम करने की आख़िरी कोशिश समझा जा रहा है कहा कि अगर जिलावतन बलोच क़ाइदीन वतन वापिस हो जाते हैं तो उन के ख़िलाफ़ तमाम केसेस बन कर दिए जाएंगे । दरिं असना (इस दौरान)वज़ीर दाख़िला के बयान पर अपने रद्द-ए-अमल में बलोच क़ौम परस्त क़ाइदीन ने हुकूमत के साथ बात चीत के लिए सख़्त शराइत रखी हैं,
जिन में मिल्ट्री ऑपरेशंस को फ़ौरी रोक देना और अपने कशीदा सूबा में खु़फ़ीया एजंसियों के कोई भी रोल पर इमतिना आइद करना शामिल है। जमहूरी वतन पार्टी लीडर शाह ज़ैन बुगटी ने हुक्काम के साथ बात चीत के लिए कुछ इसी किस्म की 8 सख़्त शराइत रखी हैं कई दीगर क़ाइदीन ने भी लग भग इसी तरह के रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है ।