यूपी चुनाव—बसपा भी करेगी पिछड़ों को आकर्षित, जिला स्तर पर होंगे सम्मलेन

फैसल फरीद

लखनऊ: चुनावी मौसम में सभी पार्टियों ने अपने तरकश से तीर निकलने शुरू कर दिए हैं। दलित, अल्पसंख्यक, सवर्ण और अब पिछड़ा वर्ग भी निशाने पर हैं।

भाजपा के पिछड़ा वर्ग सम्मलेन की काट में बसपा ने भी अब पिछड़ा सम्मलेन करवाने की योजना बनायी हैं। आक्रामक रूप से चुनाव में उतरने को आतुर बसपा किसी भी वर्ग को नज़रंदाज़ नहीं करना चाह रही है।

इसी क्रम में बसपा ने भी अब फैसला किया है कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर पिछड़ा वर्ग सम्मलेन आयोजित किये जायें। इन सम्मेलनों को पार्टी के वरिष्ठ पिछड़ा समाज के नेता संबोधित करेंगे और बसपा को पिछड़ा वर्ग के करीब लाने की कोशिश करेंगे।

बसपा में इस समय प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, लालजी वर्मा, आर एस कुशवाहा, आर के पटेल समेत कई बड़े चेहरे हैं। पार्टी सुविधानुसार इनको अब आगे लाएगी। मुस्लिम समाज पर पहले ही पार्टी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को आगे कर चुकी है। वही सतीश मिश्र ब्राह्मणों के बीच काम कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बसपा के पिछड़े वर्ग सम्मलेन अगली 10 जनवरी तक पुरे कर लिए जायेंगे। इनकी ज़िम्मेदारी जोनल कोऑर्डिनेटर और जिला अध्यक्ष को अपने क्षेत्र में सौपी गयी है। पार्टी इन सम्मेलनों के ज़रिये अपनी नीति सामने रखना चाहती है जिसमे वो ये बताना चाहती है की बसपा में सर्व समाज का हित सुरक्षित हैं। पार्टी ने इस बार एक अनुमान के अनुसार 120 टिकट मुस्लमान, 100 के करीब पिछड़े वर्ग को दिए हैं। पार्टी का मानना है की पिछड़ा वर्ग मजबूती से उसका साथ देगा।

दूसरी ओर भाजपा ने हर दो विधानसभा पर एक पिछड़ा वर्ग सम्मलेन की योजना चलायी है। इस प्रकार उसके लगभग 199 सम्मलेन होने हैं। जिसमे से आधे से ज्यादा हो चुके हैं। पार्टी इन सम्मेलनों में केंद्रीय मंत्रियो के अलावा पिछड़े वर्ग के नेताओ को तरजीह दे रही हैं।  भाजपा के सुनियोजित चुनाव प्रचार को देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने पिछले 6 दिसम्बर को भाजपा पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया था। मायावती ने ये बात डॉ आंबेडकर के निर्वाण दिवस के अवसर पर कही थी।