जिस जगह बाबरी मस्जिद थी वहीं बनेगी, दुसरे जगह कबूल नहीं- कल्बे जव्वाद

गोंडा। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि अयोध्या के अलावा और कहीं भी बाबरी मस्जिद कबूल नहीं है l बीजेपी नेताओं और हिन्दू धर्माचार्यों को आड़े हाथों लेते हुए जव्वाद ने कहा कि अयोध्या में शीघ्र राम मंदिर निर्माण की बातें बेमानी और राजनीति से प्रेरित हैं।

सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए l गोंडा में संवाददाताओं से बात करते हुए शिया धर्मगुरु ने मीर बाकी (दावा है कि मस्जिद का निर्माण कराया) के बारे में साफ किया कि सही मायने में ये साबित नहीं है कि वे शिया हैं या सुन्नी।

उन्होंने कहा कि अयोध्या मसले में शिया समुदाय कोई पक्ष नहीं है तो समझौते का कोई मतलब नहीं है। इस दौरान जव्वाद ने हज सब्सिडी खत्म करने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हज में सब्सिडी जायज है।

उन्होंने सवाल उठाया कि केवल मुसलमानों के धार्मिक कार्यक्रमों में सरकारी खर्चे पर ही रोक क्यों लगती है जबकि इलाहाबाद और अन्य मेलों के अलावा हिन्दू धार्मिक अनुष्ठानों पर सरकार अरबों रुपये खर्च कर रही है।

धर्मगुरु जव्वाद ने हालांकि केन्द्र सरकार की तरफ से सब्सिडी की धनराशि मुस्लिमों की पढ़ाई में खर्च करने के फैसले का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने मदरसों में आतंकवाद पनपने के बयान को लेकर शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी पर हमला बोला।

जव्वाद ने कहा कि पूर्व मंत्री आजम खान के इशारे पर रिजवी ने जानबूझकर मदरसों का अपमान करने के लिए बेतुका बयान दिया है।

जव्वाद ने कहा कि इस बयान को लेकर उन्होंने रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि मदरसों में मुस्लिमों के बच्चे योग्यता हासिल कर डॉक्टर-इंजिनियर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।

हालांकि जव्वाद ने माना कि केवल धनउगाही के लिये प्रदेश में अनगिनत फर्जी मदरसे भी संचालित हैं, जिनके खुलासे के लिये सरकार मदरसों का पंजीकरण करा रही है।

धर्मगुरु ने समाजवादी पार्टी सरकार पर शियाओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकारें मुस्लिमों के लिये कुछ हद तक अच्छा काम कर रही हैं।

वहीं तीन तलाक को नाजायज करार देते हुए उन्होंने सुन्नी धर्मगुरुओं से अपील की कि वे अपने अनुयायियों को तीन तलाक से रोकें ताकि सरकार धार्मिक मसलों में दखल न दे सके। बीजेपी को नसीहत देते हुए जव्वाद ने कहा कि मंदिर-मस्जिद की बातकर देश को गुमराह न करें।

सौजन्य- नवभारत टाइम्स