जिहाद का एहतिजाज हो तो ख्वातीन व बच्चों को मार डालो

ब्रिटिश फौजी ली रिग्बी के कातिल और कट्टरपंथी मुबल्लिग ने जिहाद का एहतिजाज करने वाली ख्वातीन और बच्चों के कत्ल को जायज बताया है। यह बात मीडिया रिपोर्ट से पता चली है। डेली मेल ने इतवार को जारी एक रपट में बताया कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर अपने एक पैगाम में मुबल्लिग ओमर बाकरी मुहम्मद उर्फ टोटेनहन अयातुल्लाह ने कहा कि कभी-कभी स्कूलों और अस्पतालों में पनाह लेने वाले बच्चों और ख्वातीन को मारना जरूरी होता है।

द टेलीग्राफ की रपट के हवाले से डेली मेल ने बताया कि बाकरी ने लिखा कि भले ही आम तौर पर इसकी इज़ाज़त न हो, लेकिन हमें ख्वातीन और बच्चों का कत्ल और मुजाहिदीनों की काफिरों (नास्तिक) से ल़डाई के फर्क को समझना होगा। अब चाहे वह स्कूल में हो, अस्पताल में हो फिर किसी दूसरे मुकाम जगह पर।

मुबल्लिग ने सीरिया और इराक में जिहादियों से ल़डने वालों के कत्ल को भी जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि मुजाहिदीनों को ऐसे लोगों को जरूर मार देना चाहिए जो कट्टर इस्लाम में भरोसा नहीं रखते। फिर वे चाहे जहां भी मिले। बाकरी पर ब्रिटेन में रोक लगा है और लेबनान में उनके खिलाफ दहशतगर्द का मुकदमा चल रहा है। वह खुले तौर पर फेसबुक का इस्तेमाल कर कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है। उस पर ब्रिटिश फौजी ली रिग्बी के कत्ल के साथ कई नौजवानों को शिद्दतपसंद के लिए भ़डकाने का भी इल्ज़ाम है।