जीत को जारी रखने के लिए उतरेगा भारत‌

धर्मशाला। पांच मैचों की वनडे सीरीज में 3-1 से आगे चल रही टीम इंडिया इतवार‌ को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पांचवें और आखरी वनडे में धमाकेदार प्रदर्शन कर जीत के साथ सीरीज को खत्म‌ करना चाहेगी।

सीरीज में 4-1 की जीत के साथ भले ही इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार के ज़ख्म‌ नहीं भरेंगे, लेकिन खास तौर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम का होंसला बढ़ेगा।

43वां आलमी इनइक़ाद‌ स्थल :

सीरीज का आखरी मैच धर्मशाला से बेहतर जगह नहीं खेला जा सकता था जो दुनिया के सबसे खूबसूरत क्रिकेट मैदानों में से एक हैं और न्यूलैंड्स के केपटाउन या क्वींसटाउन के जॉन डेविस ओवल को टक्कर देता है। कप्तान धौनी खास‌ तौर पर चाहेंगे कि भारत जब देश के 43वें आलमी इनईक़ाद जगा पर उतरे तो भारतीय टीम पिछले तीन मैचों की फॉर्म को बरकरार रखे जहां उसने मुखालिफ‌ टीम को आसानी से हराया।

पुजारा को मिलेगा मौका!

मैच महज औपचारिकता ही सही, लेकिन टीम इन्तेज़ामिया और राष्ट्रीय सलेक्शन कमेटी को कुछ महिकमों पर ध्यान देना होगा। चेतेश्वर पुजारा को वनडे पदार्पण का इंतजार है, लेकिन धौनी आमतौर पर जांचे परखे संयोजन के साथ उतरने को ही तरजीह देते हैं और इसे देखते हुए यह देखना अछा होगा कि अब तक बेंच पर बैठे रहने वाले पुजारा और अमित मिश्रा को अपनी महारत‌ दिखाने का मौका मिलता है या नहीं।

गंभीर को दिखाना होगा दम

कप्तान ने पिछले मैच में रोहित शर्मा से पारी की शुरुआत करने का दांव खेला था जो शुरू होगया। इसे देखते हुए दूसरे सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ गया है और दिल्ली के इस बल्लेबाज को इस मैच में मिलने वाले मौके का पूरा फायदा उठाना होगा क्योंकि शायद उन्हें आगे ज़्यादा मौक नहीं मिले। सुरेश रैना अच्छे फिनिशर किर्दार‌ में खरे उतरने लगे हैं, जबकि विराट कोहली रांची जैसी बाज़ी खेलकर सीरीज का अच्छा खत्म‌ करना चाहेंगे।

स्विंग गेंदबाजों को मिलेगी मदद

धूप खिली होने की वजह‌ बल्लेबाजों से अच्छे मुज़ाहिरे की उम्मीद है, लेकिन मैदान के खुले होने के वजह‌ शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। गेंद को स्विंग कराने की सलाहियत की वजह से भुवनेश्वर कुमार प्रभावी साबित हो सकते हैं। शमी अहमद मोहाली में पिछले मैच में ज़्यादा रन लुटाने की भरपाई करना चाहेंगे।