(अबू ऐमल) महंगाई के इस दौर में ख़ित्ते ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों के लिए जी एच एम सी ने जारीया साल 2 मार्च को दोनों शहरों हैदराबाद और सिकंदराबाद में एक ख़ुसूसी स्कीम शुरू की थी जिस के तहत सिर्फ़ 5 रुपये में दोपहर का खाना फ़राहम किया जा रहा है।
ग़रीबों के लिए शुरू कर्दा इस ग़ैर मामूली स्कीम के लिए 11 करोड़ रुपये मुख़तस किए गए थे उस वक़्त ये भी एलान किया गया था कि दोनों शहरों में इस तरह के 50 मराकज़ क़ायम किए जा सकते हैं लेकिन बल्दिया ने सिर्फ़ 15 सेंटर्स क़ायम किए ताहम दीगर मुआमलात की तरह इस मुआमले में भी पुराना शहर से नाइंसाफ़ी की गई।
पुराना शहर में सिर्फ़ एक सेंटर चारमीनार के क़रीब क़ायम किया गया। इस के बरअक्स नए शहर में 14 मराकज़ काम कर रहे हैं। चारमीनार बस स्टैन्ड के क़रीब वाक़े इस मर्कज़ पर ग़रीब मर्द और ख़्वातीन की कसीर तादाद जमा होकर बड़े इतमीनान से दोपहर का खाना खाते हैं।
ग़रीबो गुर्बा को इस तरह इतमीनान से खाना खाते देख कर काफ़ी मुसर्रत हुई लेकिन मुसर्रत का ये एहसास उस वक़्त ख़त्म हो गया जब मालूम हुआ कि इस मर्कज़ पर ही नहीं बल्कि नए शहर के हर मर्कज़ पर 300 मर्द और ख़्वातीन को 5 रुपये में खाना फ़राहम करने के एलान के बावजूद 150 ग़रीबों को ही खाना दिया जा रहा है।
एक तलबा ने बताया कि मेयर ने ये स्कीम शुरू करते हुए बहुत अच्छा काम किया। ताहम इस तरह के मराकज़ मदीना सर्किल, चंदरायन गुट्टा, रियासत नगर, तालाब कट्टा, संतोष नगर, फ़लकनुमा, काला पत्थर, बहादुरपूरा जैसे इलाक़ों में क़ायम किए जाने चाहीए। ज़राए का कहना है कि बल्दिया को एक आदमी का खाना तैयार करने पर 20 रुपये के मसारिफ़ आते हैं लेकिन उसे ग़रीबों को सिर्फ़ 5 रुपये में सरब्राह किया जाता है।
ग़रीब मर्द और ख़्वातीन उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल, नामपल्ली, नीलोफ़र हॉस्पिटल, किंग कोठी, मुशीराबाद, कैंसर हॉस्पिटल बंजारा हिल्ज़, लंगरहौज़, ख़ैरताबाद, एल्बी नगर, ई सी ईल, माधवपूर हुसैन सागर, एस आर नगर, जे एन टी यू में काम कर रहे मराकज़ से इस्तिफ़ादा कर सकते हैं।—– abuaimalazad@gmail.com