राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में मुल्की और बैनुल अक़वामी परवाज़ों के ज़रीए सफ़र करने वाले मुसाफ़िरीन से वसूल की जाने वाली गैर वाजिबी यूज़र डेवलप्मेंट फीस , मौक़ूफ़ा अराज़ी पर एयरपोर्ट की तामीर के बावजूद जी एम आर ग्रुप की मुसलमानों से एहसान फ़रामोश ,
एयरपोर्ट के अहाता में वाक़े मस्जिद उमर फ़ारूक (रह) की शहादत , ईदगाह , आशूर ख़ाना और क़ब्रिस्तान के वजूद को मिटाने पर मुसलमानों में फैली बेचैनी और मस्जिद की फ़ौरी दोबारा तामीर के मुतालिबात पर मबनी रिपोर्ट्स की इशाअत के साथ ही आम लोगों में ये जानने के लिए तजस्सुस बढ़ता ही जा रहा है कि आख़िर जी एम आर कौन है ?
आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गावं में कभी कठिन ज़िंदगी गुज़ारने वाले उस शख़्स ने किस तरह एक बहुत बड़ा ग्रुप क़ायम किया और हिंदुस्तान के पचास दौलत मंदों में कैसे इस का शुमार होने लगा ।
अब लोग ये भी जानने के ख़ाहां है कि जी मल्लिकार्जुन राव ( जी एम आर ) या गिरानिधि मल्लिकार्जुन राव जिस ने 1978 में एक छोटा सा जी एम आर ग्रुप क़ायम किया था किस तरह अपने ग्रुप को दुनिया के सात ममालिक तक फैलाने में कामयाबी हासिल की । जी एम आर ग्रुप तवानाई , क़ौमी शाहराहों , शहरी और तीरंगाहों को बड़े पैमाने पर फ़रोग़ देने के शोबों में काम कर रहा है ।
अवाम ये जानने के भी ख़ाहां हैं कि सिरीकाकूलम के एक छोटे से गावं में पट्सन मील चलाने वाला गिरानिधि मल्लिकार्जुन राव ने 2012 में किस तरह ख़ैराती मक़ासिद के लिए 1540 करोड़ रुपये के अतियात दीए थे । फ़ोर्ब्स ने उन की दौलत का तख़मीना 1.1 अरब डॉलर्स लगाया है ।
आलमी सतह पर 1268वां नंबर और हिंदुस्तान में 51वीं नंबर है । ये भी बताया जाता है कि जी एम आर ग्रुप कर्ज़ों में डूबा हुआ है जिस से सरमायाकारों में भी तशवीश पाई जाती है । बाअज़ लोगों के ख़्याल में सयासी चापलूसी के ज़रीए जी एम आर ने आज इस मुक़ाम पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की लेकिन हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तामीर और इस में मस्जिद उमर फ़ारूक़ (रह) की शहादत के बाद जी एम आर के ज़वाल का आग़ाज़ शुरू हो गया है ।
ये भी कहा जा रहा है कि मर्कज़ी वज़ारत शहरी हवा बाज़ी हैदराबाद के क़दीम तरीन बेगम पेट एयरपोर्ट की दोबारा कुशादगी पर सरगर्मी से ग़ौर कर रही है । इसे में जी एम आर वज़ारत शहरी हवा बाज़ी के इस मंसूबा को रोकने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं।