शोपियाँ में सी आर पी एफ फायरिंग के नतीजे में 4 नौजवानों की हलाकत की तहकीकात के सिलसिले में क़ायम करदा जुडिशल कमीशन के रूबरू आज एक भी गवाह पेश नहीं हुआ। ये वाक़िया सितंबर में पेश आया था जिस के बाद वादी में तशद्दुद फूट पड़ा था।
हुकूमत ने 7 सितंबर को पेश आए फायरिंग वाक़िये की तहकीकात के लिए अक्टूबर में जस्टिस (रीटाइरड) एम एल कोल की ज़ेरे क़ियादत कमिशन मुक़र्रर किया। उन्होंने कल शोपियाँ का दौरा किया, लेकिन एक भी आम शहरी बतौर गवाह कमीशन के रूबरू पेश नहीं हुआ।
कोल ने कहा कि ऐनी शाहिदीन से ख़ाहिश की गई थी कि वो हफ़्ते को कमीशन के रूबरू पेश हो। इस ज़िमन में एक नोटिस भी जारी की गई थी। उन्होंने कहा कि सियोल गवाहों के ब्यानात कलमबंद करने के लिए आइन्दा एक और तारीख मुक़र्रर की जाएगी, जिस के बाद ही पेशरफ़्त हो सकती है।
उन्होंने कहा कि वो सियोल शहरियों के बतौर गवाह पेश होने और उनके ब्यानात कलमबंद करने के बाद ही मुल्ज़िम सी आर पी एफ जवानों से पूछताछ करेंगे। ज़िला शोपियाँ के गगरान में 7 सितंबर को सी आर पी एफ की फायरिंग में 4 अफ़राद हलाक होगए थे। चीफ मिनिस्टर उमर अबदुल्लाह ने इस वाक़िये की तहकीकात के लिए जुडिशल कमीशन क़ायम किया।
सी आर पी एफ का ये दावा है कि महलूक 4 नौजवान अस्करीयत पसंद थे जब कि मुक़ामी अवाम ने इस दावे की तरदीद की। पुलिस का कहना है कि 3 नौजवान मुक़ामी हैं और अस्करीयत पसंदी में मुलव्विस होने का कोई रेकॉर्ड नहीं है, लेकिन चौथे नौजवान के ताल्लुक़ से पुलिस का ये मौक़िफ़ है कि वो पाकिस्तानी अस्करीयत पसंद था।