जुनूबी ( दक्षिण) अफ़्रीक़ा में दो करोड़ 40 लाख डालर की लागत से मस्जिद की तामीर

जोहांसबर्ग, ०६ अक्तूबर (पी टी आई) जुनूबी निस्फ़ कुर्राह-ए-अर्ज़ ( जमीन) की वसीअ तरीन ( विशाल/ बहुत बड़ी) मस्जिद जो शहरा आफ़ाक़ सलीमिया मस्जिद (Selimiye mosque) तुर्की के नमूना पर दो करोड़ 40 लाख डालर की लागत से तामीर की गई है, आज मुस्लियों (नमाज़ियों) के लिए खोल दी गई।

सदर जुनूबी अफ़्रीक़ा जैकब ज़ूमा (South African President Jacob Zuma ) ने इस का इफ़्तिताह ( उद्वघाटन) किया। ये मस्जिद डरबन में शहरा आफ़ाक़ ग्रेय स्ट्रीट (ousting the famous Grey Street Mosque in Durban) पर वाक़्य ( स्थित/ मौजूद) है, इसके लिए मालिया तर्क (Funded by) मुख़य्यर अली कटीरसेगुलो (philanthropist Ali Katircioglu) ने फ़राहम किया है।

मस्जिद के अहाता में इक़ामती मुदर्रिसा ( मदरसा), दवाख़ाना, कुतुबख़ाना (Library) और म्यूज़ीयम भी क़ायम किए गए हैं। दवाख़ाना पहले तामीर के मंसूबा में शामिल नहीं था, लेकिन साबिक़ सदर नेल्सन मंडेला ने तर्क मुख़य्यर अली कुटीर सेव गुलो से मुलाक़ात करके उन्हें दवाख़ाना की ज़रूरत पर तवज्जा ( ध्यान) दिलाई।

उसे तुर्की माहिरीन तामीरात ने अपने फ़न तामीर का शाहकार बना दिया है। इसकी तामीर की तकमील तीन साल की मुद्दत (समयकाल) में हुई, इस का नाम निज़ामीया मस्जिद रखा गया है और इस के मुदर्रिसा में मज़हबी रवादारी (उदारता) की तालीम को फ़रोग़ दिया जाएगा। जैकब ज़ूमा ने तुर्की बिरादरी की इस सिलसिले में हौसला अफ़्ज़ाई और माली इमदाद की सताइश की।

ये मस्जिद तेज़ी से सय्याहों ( पर्यटको) में काबिल ए दीद ( देखने ) मुक़ाम की हैसियत से मक़बूल ( प्रसिद्व) हो रही है। तुर्की की सलीमिया मस्जिद ख़िलाफ़त उस्मानिया के दौर की तामीर है, जिसे मुअम्मार ( वृद्व) सीनान ने 1569 और 1575 (built by architect Mimar Sinan between 1569 and 1575) के दरमयान तामीर किया था और उसे इस्लामी फ़न तामीर का शाहकार (regarded as one of the finest pieces of Islamic architecture) समझा जाता है।