जुनैद खान की हत्या की सीबीआई जांच के लिए हाइकोर्ट में याचिका की सुनवाई फिर से

चंडीगढ़ : 15 वर्षीय जुनैद खान की मथुरा रेलगाड़ी पर भीड़ ने पीट पीट कर हत्या कर दी गयी थी।  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए फिर से मंगलवार को आएगा।  जैसा कि उनके परिवार ने इस मामले में एक एकल पीठ के हालिया फैसले को चुनौती दी है। 27 नवंबर को उच्च न्यायालय की एक एकल पीठ ने जुनैद के पिता जलालुद्दीन की याचिका को खारिज कर दिया था. जस्टिस गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि घटना के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को मानने का भी कोई आधार नहीं है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के असाधारण अधिकार के इस्तेमाल की जरूरत नहीं दिखाई देती है।
जलालुद्दीन ने 26अक्टूबर को याचिका दायर कर मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की थी। याचिका में इस मामले की फरीदाबाद की अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग भी की गई थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई व हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सीबीआई के वकील सुमित गोयल ने जस्टिस रंजन गुप्ता की बेंच के समक्ष कहा कि हरियाणा पुलिस वरिष्ठ अफसरों के नेतृत्व में सभी संसाधनों से सक्षम है कि वे इस मामले की जांच कर सकें.

वकील ने आगे कहा कि इस मामले में चार्जशीट दायर की जा चुकी है और 6 लोगों की गिरफ्तार भी किया गया था और उनमें से 2 अब भी न्यायिक हिरासत में हैं.

सीबीआई ने महीने की शुरुआत में अदालत से कहा था कि वे जुनैद हत्या मामले की जांच नहीं कर सकते क्योंकि मामले में पुलिस पहले ही फरीदाबाद जिला अदालत में चार्जशीट दायर कर चुकी है.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार जलालुद्दीन द्वारा दायर 25 अक्टूबर की याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले में चश्मदीद और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर आरोपी पक्ष को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है.

जस्टिस रंजन गुप्ता की बेंच के सामने सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सबरवाल ने याचिका पर कहा कि जब तक राज्य सरकार की पुलिस और एजेंसी की जांच में कमी नहीं मिलती, तब तक मामले की जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग करना ठीक नहीं है.

जलालुदीन ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके बेटे जुनैद और उसके 2 चचेरे भाई पर एक वर्ग के प्रति नफरत के चलते हमला हुआ, जिसमें उनके बेटे की पीट-पीटकर और चाक़ू से गोद कर हत्या कर दी गई.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार हरियाणा (रेलवे) डीएसपी मोहिंदर सिंह ने अदालत में हलफ़नामा दायर कर कहा था कि जुनैद के पिता जलालुद्दीन मामले के निपटारे के लिए पैसा चाहते हैं और यह जानकारी उन्हें एक मुख़बिर से मिली है.

मुख़बिर ने उन्हें बताया कि गांव में हुई पंचायत में जलालुद्दीन ने आरोपी पक्ष से दो करोड़ रुपये और चार एकड़ जमीन की मांग की थी. पुलिस ने अपने जवाब में कहा है कि डीएसपी मोहिंदर ने जलालुद्दीन को बेनक़ाब कर दिया था और खुद को बचाने के लिए उन्होंने सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की है.

हालांकि जुनैद के पिता जलालुद्दीन ने पुलिस के आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताते हुए कहा कि वे लोग आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.

16 वर्षीय जुनैद जून महीने में हरियाणा से दिल्ली ईद की ख़रीददारी करने आया था. वापस लौटते वक्त ट्रेन में सीट को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और फरीदाबाद के पास असोटी स्टेशन के पास उसे ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था.

जुनैद मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से रमेश कुमार और रामेश्वर दास पर हत्या के इल्जाम के तहत मामला दर्ज हुआ है.

ताजा याचिका में कहा गया है: “अपीलकर्ता ने माननीय एकल न्यायाधीश के नोटिस में यह भी बताया कि हरियाणा के एडिटर जनरल के कार्यालय से सीनियर ऑफिसर को आरोपी की तरफ से मुकदमे में दिलचस्पी लेने के बारे में कैसे पता चला और कैसे एलडी ट्रायल जज ने घटना का सख्त न्यायिक नोटिस लिया। “दलील आगे कहती है कि ऐसी घटनाओं को परिवार के आत्मविश्वास को हिला दिया गया है, जिसके कारण उच्च न्यायालय को मुकदमे पर बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है।