साबिक़ रुक्न क़ानूनसाज़ कौंसिल और बुज़ुर्ग क़ाइद जनाब इब्राहीम बिन अबदुल्लाह मसक़ती ने सदर नशीन क़ानूनसाज़ कौंसिल स्वामी गौड़ को मकतूब रवाना करते हुए जुबली हॉल में वाक़े निज़ाम हैदराबाद की तारीख़ी यादगारों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए इक़दामात करने की अपील की।
जनाब मसक़ती ने इस बात पर अफ़सोस का इज़हार किया कि जुबली हॉल को जिसे तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल में मुंतक़िल कर दिया गया, वहां मौजूद आसिफ़ साबह नवाब मीर उसमान अली ख़ान की तामीर कर्दा यादगार के तहफ़्फ़ुज़ पर कोई तवज्जा नहीं दी जा रही है।
उन्हों ने कहा कि जुबली हॉल के लॉन में मौजूद तारीख़ी मस्नद शाही ख़स्ताहाली का शिकार है और हुकूमत उस की तामीर और मुरम्मत से ग़ाफ़िल है। उन्हों ने कहा कि इस तारीख़ी मस्नद शाही का तहफ़्फ़ुज़ तेलंगाना हुकूमत की ज़िम्मेदारी है और सदर नशीन क़ानूनसाज़ कौंसिल को चाहीए कि इस सिलसिले में हुकूमत की तवज्जा मबज़ूल करें।
जनाब मसक़ती ने कहा कि जुबली हॉल में निज़ाम हैदराबाद की गोल्डन जुबली से मुताल्लिक़ तारीख़ी तसावीर को निकालने की साज़िश की जा रही है। ताकि तेलंगाना अरकान को निज़ाम दक्कन की तारीख से नावाक़िफ़ रखा जाए।
उन्हों ने इस बात पर अफ़सोस का इज़हार किया कि जुबली हॉल की तारीख़ी इमारत तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों हुकूमतें अपनी अपनी कौंसिल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है लेकिन उन्हें इमारत के तहफ़्फ़ुज़ से कोई दिलचस्पी नहीं।