जूलियन असांजे की गिरफ्तारी पर पुरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन!

विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की गिरफ्तारी का दुनियाभर में बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। भगोड़े अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने असांजे की गिरफ्तारी को प्रेस की आजादी के लिए काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह असांजे को इक्वाडोर के दूतावास से खींचकर बाहर लाया गया, इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए आगाह किया कि अगर असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े मानवाधिकार विशेषज्ञ एग्नेस कालमर्ड ने कहा कि इक्वाडोर का असांजे से शरण वापस लेने का फैसला मानवाधिकार उल्लंघन के असली खतरे को उजागर करता है। मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त मिशेल बैकलेट ने इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस बीच, अमेरिकी अभिनेत्री पामेल एंडरसन ने असांजे की गिरफ्तारी पर हैरानी जताते हुए कहा कि ब्रिटेन और इक्वाडोर ऐसा कैसे कर सकते हैं। इक्वाडोर के पूर्व नेता रफेल कॉरिया ने कहा कि इक्वाडोर के दूतावास में लंदन पुलिस को घुसने की इजाजत देना लैटिन अमेरिकी देश के इतिहास में सबसे बुरा फैसला है।

चौतरफा आलोचनाओं से घिरे इक्वाडोर के राष्ट्रपति मोरेनो ने कहा कि असांजे को ऐसे किसी देश को प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा, जहां विकिलीक्स के संस्थापक को यातना या मौत की सजा का सामना करना पड़े। इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने मुझे आश्वासन दिया है।

इक्वाडोर की सरकार ने असांजे को दी देश की नागरिकता वापस ले ली है। विदेश मंत्री जोस वेलेंसिया ने बृहस्पतिवार को असांजे की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद इसकी घोषणा की।

स्टॉकहोम। असांजे पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने स्वीडन सरकार से इस मामले की दोबारा जांच की मांग की है। महिला की वकील एलिजाबेथ मासी फ्रिट्ज ने कहा कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि 2017 में बंद हुए इस मामले को फिर से खोला जाए।