जेएनयू छात्रों ने दशहरे पर जलाए मोदी, रामदेव, अमित शाह के मुंह वाले पुतले

नई दिल्ली: दशहरे के मौके पर जहाँ देश की कई जगहों पर रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण की जगह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख राहिल शरीफ, हाफिज सईद के चेहरों को रावण के पुतलों पर लगाकर जलाया गया है वहीँ दिल्‍ली के जेएनयू में कुछ स्टूडेंट्स ने रावण की जगह देश के प्रधानमंत्री मोदी और उनके अजीज दोस्त बाबा रामदेव के पुतले जलाए हैं स्‍टूडें और कार्ड पर स्‍लोगन लिखे- ”बुराई पर सत्‍य की जीत होकर रहेगी।”

टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बातचीत में एनसयूआई के सदस्‍य मसूद ने कहा कि जेएनयू की एनएसयूआई यूनिट ने ऐसा किया है और इस प्रदर्शन के पीछे हमारा मकसद केंद्र सरकार से असंतोष जाहिर करना है। हमारा विचार ये है कि सरकार से बुराई को बाहर किया जाए और एक ऐसा सिस्‍टम लाया जाए जो प्रो-स्‍टूडेंट और प्रो-पीपल हो।

जेएनयूएसयू के अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव में हिस्सा लेने वाले सन्‍नी धीमान ने बताया कि पुतला सभी मोर्चों पर सरकार की विफलता को दर्शाने के लिए जलाया गया।हमने यह प्रदर्शन गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिमों और दलितों पर बढ़ रहे अत्‍याचारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे यूथ फोरम फॉर डिस्‍कशंस एंड वेलफेयर एक्टिविटीज को नोटिस जारी करने के जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ किया था। क्योंकि हम लगता है कि जेएनयू प्रशासन ने ऐसा सरकार के दबाब में किया है।

मोदी के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके किये गए सभी वाडे आज भी कागजों में ही हैं बस वह उन्हीं को अपने हर भाषण में दोहराते हैं। इस दशहरे पर हमने उन्हें आईना दिखाने के लिए ऐसा कदम उठाया है। आपको बता दें कि पुतले में रावण के मुख्‍य सिर के तौर केन्‍द्र में पीएम मोदी, अन्‍य सिरों में अमित शाह, नाथूराम गोडसे, योग गुरु रामदेव, साध्‍वी प्रज्ञा, आसाराम बापू और अन्‍य के चेहरे लगाए गए थे और मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे।