जेएनयू छात्र उमर खालिद नहीं है देशद्रोही : काटजू

नई दिल्ली: प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इण्डिया के पूर्व अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने ट्वीट किया कि जेएनयू का छात्र उमर खालिद राष्ट्रद्रोही नहीं है |

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अपने मन की बात को ट्वीट करने में कभी नही हिचकते हैं उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जेएनयू का छात्र उमर खालिद राष्ट्रद्रोही नहीं है | वह बहादुर और ईमानदार है लेकिन अभी मैच्योर नहीं है अभी उसे बहुत कुछ सीखना है |

 

काटजू की ये प्रतिक्रिया दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जेएनयू के छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ सभी अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के बाद आई है |
खालिद को एक सेमेस्टर के लिए रेस्टिकेट करने के साथ उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था |

13 मई को अदालत ने जेएनयू के छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर ये कहते हुए सशर्त रोक लगा लगायी थी की उनको अपना आंदोलन खत्म करना होगा | विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय जांच समिति ने अपनी जाँच में इन छात्रों को ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाया था जिसके बाद 25 अप्रैल को उनके ख़िलाफ़ विश्विद्याल ने ये कार्यवाई की थी |

अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश संबंध में अदालत ने कहा कि अगर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश के खिलाफ उनकी अपील, अपीलार्थी प्राधिकरण (कुलपति की अध्यक्षता में) द्वारा अस्वीकार कर दी जाती है तो, अनुशासनात्मक आदेश का ये प्रभाव दो सप्ताह तक लागू नहीं होगा ।जिससे छात्र उच्च न्यायालय के समक्ष अपीलार्थी प्राधिकरण के फैसले को चुनौती देने के लिए समय मिलेगा

गौरतलब है कि विश्विद्याल में 9 फरवरी  की घटना में कन्हैया कुमार, खालिद और भट्टाचार्य पर लगे आरोप में कहा था कि इनके नेतृत्व में घटना में शामिल लोगों ने राष्ट्र विरोधी नारे लगाये थे | जिसके बाद इनको राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा इनके ख़िलाफ़ अदालत में सुबूत पेश नहीं किये जाने की वजह से रिहा कर दिया गया था |