जेएनयू ‘बंधक संकट’ समाप्त, बाहर निकले वीसी और अन्य अधिकारी

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चल रहा ‘बंधक संकट’ करीब 23 घंटे बाद खत्म हो गया है. अब सभी अधिकारी प्रशासनिक भवन से बाहर निकल आए हैं. इससे पहले वीसी एम जगदीश कुमार ने छात्रों को एक अल्टीमेटम दिया था जिसमें यूनिवर्सिटी का कामकाज बाधित करने से नहीं रोकने की चेतावनी दी थी. इधर, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जेएनयू से लापता हुए छात्र नजीब अहमद की सकुशल रिहाई के सिलसिले में आज फिर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर आलोक कुमार से बात की है. सिंह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाने के निर्देश दिए हैं.

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जनसत्ता के अनुसार, आक्रोशित छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वीसी और अन्य अधिकारियों को एडमिन ब्लॉक से बाहर आने का रास्ता दे दिया है. दरअसल, एकैडमिक काउंसिल की आज अहम बैठक होनी है, जिसमें वीसी और अन्य अधिकारी की मौजूदगी आवश्यक थी. इस बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि लापता छात्र नजीब की गुमशुदगी में उनका कोई हाथ नहीं है. एबीवीपी के आलोक शर्मा ने कहा कि उनके संगठन को बेकार बदनाम किया जा रहा है.
इससे पहले भी इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से बात की थी और मामले पर पूरा ब्रीफ लिया था. दिल्ली पुलिस ने नजीब अहमद का सुराग देनेवाले को 50 हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की है. पुलिस ने इसके लिए कई जगहों पर इश्तेहार भी चिपकाया है. इस बीच, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर वीसी और दूसरे अधिकारियों को बंधक बनाए जाने को गलत करार दिया है. रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग पढ़ाई नहीं राजनीति कर रहे हैं. जेएनयू का माहौल खराब किया जा रहा है.

गौरतलब है कि नजीब अहमद की गुमशुदगी पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर समेत 10 अधिकारियों को रात से ही एडिमन ब्लॉक में ही बंधक बना रखा था. सूत्रों ने बताया कि जब वीसी बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे तब छात्रों ने उनके साथ धक्कामुक्की की. इससे पहले वीसी ने आज दिन में करीब 11 बजे एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई कि लापता छात्र नजीब अहमद जल्द सकुशल वापस आएंगे. साथ ही उन्होंने लिखा कि इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने जरूरी कदम उठाया है.