नई दिल्ली: 25 दिन से लापता जेएनयू के छात्र नजीब को लेकर हर तरफ खामोशी है। बीते 25 दिन से जेएनयू के छात्र सड़को से लेकर जेएनयू कैंपस तक इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। एक तरफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने भी इसपर चुप्पी साधे हुए हैं गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी नजीब को लेकर पूछे गए सवालों को टालते ही रहते हैं। दूसरी तरफ जेएनयू के छात्र हर मंच में नजीब के लिए आवाज उठा रहे हैं।
जेएनयू के पुर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपनी पुस्तक ‘फ्रॉम बिहार टू तिहाड़’ के विमोचन के मौके नजीब को लेकर सरकार पर सवाल साधा। कन्हैया ने कहा, ‘उनके पास तो इतनी खुफिया जानकारी थी कि उन्होंने जेएनयू में इस्तेमाल हुए कॉन्डोम की गिनती तक कर ली थी, लेकिन क्या वे अपने उस खुफिया तंत्र का इस्तेमाल ये पता लगाने में नहीं कर सकते कि इतने दिनों से लापता नजीब आखिर है कहां।
कन्हैया बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा के उस बयान के सदर्भ में बोल रहे थे, जो उन्होंने फरवरी में विश्वविद्यालय में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान दिया था. अपने बयान में आहूजा ने कहा था, ‘जेएनयू में रोजाना 3000 बीयर के केन, 2000 शराब की बोतलें, 10 हजार सिगरेट के टुकड़े, 4 हजार बीड़ी, 50 हजार हड्डियों के टुकड़े, 2 हजार चिप्स के पैकेट, 3 हजार उपयोग किए गए कंडोम और 500 गर्भपात के इंजेक्शन मिलते हैं.’ सोशल मीडिया में इस बयान काफी मजाक भी बनाया गया था।
14 अक्टूबर को ABVP के गुंडो के झड़प के बाद नजीब अहमद गुमशदा है। नजीब के साथियों और चश्मदीदों के मुताबिक नजीब के गायब होने से पहले बीजेपी से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह पीटा था।
रविवार को ही दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। नजीब अहमद की मां के साथ भी बदसलूकी की गई और उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया था।