जेएनयू विवाद में न सिर्फ भारतीय छात्र बल्कि विदेशी छात्र भी इसमें शामिल हो गये हैं वो भी जेएनयूएसयू नेता कन्हैया कुमार के समर्थन में साथ आ गए हैं|
संयुक्त राज्य अमेरिका के मशहूर हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र कन्हैया कुमार को रिहा कराने के लिए जेएनयू के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं कन्हैया को भारत विरोधी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है |
जिस औपनिवेशिक युग कानून के तहत जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को हिरासत में लिया गया है एक बार अंग्रेजों ने भी महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रवादी को भी इसी क़ानून के तहत जेल भेजा था | कन्हैया की गिरफ़्तारी के विरुद्ध हुए प्रदर्शन को दो दशकों में अबतक का सबसे बड़ा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है |
छात्रों का एक समूह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हार्वर्ड स्क्वायर में इकठ्ठा हुए थे और उन्होंने कन्हैया कुमार की तत्काल रिहाई की मांग की | कोलंबिया, येल, हार्वर्ड और कैम्ब्रिज सहित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से 400 से अधिक शिक्षाविदों, जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आ गए हैं |
दुनिया भर की यूनिवर्सिटिज़ के 400 शिक्षाविदों ने जेएनयू के समर्थन करते हुए कहा कि जेएनयू में बहुलतावादी संस्कृति है जहाँ अलग अलगविचारधाराओं के छात्र खुलकर अपना पक्ष रखते हैं |मौजूदा हालत में यूनीवर्सिटी की इस संस्कृति को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है और हम जानते हैं कि ये समस्या अकेले भारत की नहीं है|
कथित तौर पर कुमार द्वारा की गयी राष्ट्रविरोधी टिप्पणियों के लिए उसे हिरासत में लिया जाने से पता चलता है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में गहरे वैचारिक मतभेद हैं |
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