रांची 21 अप्रैल : रियासत में नयी हुकूमत के तश्कील को लेकर झारखंड मुक्ति मोरचा (जेएमएम) अब भी पुरउम्मीद है। यही वजह है कि झामुमो की तरफ से असेम्बली तश्कील करने की मुतालबा गवर्नर से नहीं की गयी है। झामुमो ज़राए की मानें, तो मई के पहले हफ़्ता में हुकूमत बनाने को लेकर तसवीर साफ हो जायेगी। झामुमो के एक सिनिअर रहनुमा ने बताया कि झामुमो अब खामोश है। कांग्रेस के लोग ही कोशिश कर रहे हैं। उन्हें कामयाबी भी मिली है। कुछ आलमी सतही रहनुमाओं ने रियासत के रहनुमाओं को ग्रीन सिग्नल दिया है, पर सब कुछ मई के पहले हफ्ते में ही ज़ाहिर हो सकेगा।
“हर हालत में हुकूमत बनेगी। अप्रैल के आख़िर तक हुकूमत बनने का एम्क़ान है। अगर कांग्रेस हुकूमत नहीं बनायेगी, तो उसकी सीटों की तादाद 13 से घट कर चार-पांच पर आ जायेगी। यही वजह है कि कांग्रेस के लोग भी चाहते हैं कि हुकूमत बने। इसके लिए वही लोग कोशिश कर रहे हैं।”
साइमन मरांडी, मेम्बर असेंबली
“रियासत में सौ फ़िसद हुकूमत बनेगी, पर कब बनेगी, यह कहना थोड़ा मुश्किल है। मई में नयी हुकूमत का तश्कील हो सकता है।”
विष्णु भैया, मेम्बर असेंबली
“पार्टी को पूरी तरह यकीन है कि रियासत में हुकूमत जरूर बनेगी। झामुमो की ख्वाहिश है कि रियासत जम्हुरी निज़ाम हुकूमत क़ायम हो। पार्टी ने अपने सतह से काफी कोशिश किया, पर बिना कांग्रेस के नयी हुकूमत का तश्कील मुमकिन नहीं। कांग्रेस के लोग आगे आयेंगे, तभी हुकूमत बन पायेगी। अब कांग्रेस के लोगों को सोचना है कि रियासत में सदर राज रहे, हुकूमत बने या असेंबली भंग हो।”
विनोद पांडेय, तर्ज़मान
“हुकूमत बनाने की जिम्मेवारी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को दी गयी है। अगर हुकूमत बन जाये, तो बेहतर है, वरना वह दोनों हालात के लिए तैयार हैं. इन्तेखाबात की तैयारी में भी मसरूफ़ हैं। हालत जल्द ही वाज़ेह हो जायेगी।”
विद्युत वरण महतो, विधायक