नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में हरेक करदाता को करों में राहत दी गई है। जेटली ने डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “यह पहला बजट है, जिसमें सभी स्तर के करदाताओं को कर राहत दी गई है, जबकि पांच लाख रुपये तक की आमदनी वाले करदाताओं का कर घटाकर आधा कर दिया गया है। इसके ऊपर के सभी करदाताओं को हरेक को कम से कम 12,500 रुपये की कर छूट मिली है।
मध्य वर्ग को राहत पहुंचाते हुए जेटली ने ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये सालाना की आमदनी वालों के लिए आयकर दर को घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। उन्होंने कहा, “इससे पांच लाख रुपये से कम आयवर्ग वालों के लिए कर 50 फीसदी तक कम हो गया है। यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को कर के दायरे में लाने के लिए किया गया है। कम कर होने से कर नहीं चुकाने वाले भी कर देने के लिए प्रेरित होंगे।”
उन्होंने कहा, “नोटबंदी के बाद मैंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को मदद का वादा किया था, क्योंकि एमएसएमई क्षेत्र रोजगार का सृजन करने वाला क्षेत्र है। इसलिए 50 करोड़ तक का सालाना कारोबार करनेवाली कंपनियों के लिए आयकर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।”
वित्त वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक कुल 6,94 लाख कंपनियां आयकर रिटर्न दाखिल करती हैं, जिसमें से 6.67 लाख कंपनियां इस दायरे में आएंगी। इस तरह से करीब 95 फीसदी कंपनियों को कम कर का लाभ मिलेगा। जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, “इससे एमएसएमई क्षेत्र बड़ी कंपनियों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।