कश्मीर पर पाकिस्तान के साबिक हुक्मरान परेवज मुशर्रफ के चार नुक्ती फार्मूले की ताइद करते हुए साबिक भाजपा एमपी और जाने माने वकील राम जेठमलानी ने आज कहा कि कश्मीर मुद्दे के मुकम्मल हल के लिए दस्तावेज बुनियाद होना चाहिए और मुशर्रफ की कोशिशों को हिंदुस्तान की तरफ से ‘‘हौसला शिकनी’’ किया गया था |
यहां नामानिगारों से 92 साला जेठमलानी ने कहा, ‘‘मुशर्रफ ठोस और ईमानदार इरादे से हिंदुस्तान आए थे। कश्मीर मसले के हल के लिए उनकी पेशकश शानदार थी | यह एक अजीबो गरीब दस्तावेज है जो कश्मीर के मुकम्मल हल के लिए बुनियाद होनी चाहिए | मुझे यह कुबूल करने में कोई परेशानी नहीं है कि उनकी कोशिशों को हिंदुस्तान ने हौसला शिकनी किया था, न कि पाकिस्तान ने|’’ जेठमलानी जो कि कश्मीर कमेटी के सदर हैं, ने यह दावा भी किया कि उन्होंने मुशर्रफ की पेशकश में कुछ बदलाव किए थे और दस्तावेज का मकसद यह था कि कश्मीर के दोनों ओर एक सेक्युलर जम्हूरियत होना चाहिए|
जेठमलानी ने कहा, ‘‘मैं तवील वक्त से कश्मीर के लिए काम कर रहा हूं और मुशर्रफ इस बारे में जानते थ|उन्होंने एक दोस्त के जरिए अपनी तजवीज मुझे भेजा था। मैंने कश्मीर कमेटी की ओर से दस्तावेज में कुछ बदलाव किए थे जिन्हें मुशर्रफ ने कुबूल कर लिया था| दस्तावेज का पूरा मकसद यह है कि दोनों तरफ एक सेक्युलर जम्हूरियत होना चाहिए |’’
इस साल के शुरू में भाजपा से निकाले गए साबिक मरकज़ी वज़ीर ने कहा कि यह देखने के लिए सियासतदानो की रस्मि तर पर यूनिट होनी चाहिए कि इन सरकारों की तरफ से लोगों का इस्तेहसाल नहीं किया जाए| इसे हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों से मंज़ूरी होनी चाहिए |
अलहैदगी पसंदो तक पहुंचने के लिए 2002 में तश्कील कश्मीर कमेटी के चीफ ने कहा कि वह अलहैदगी पसंदो के मुसलसल राबिता में थे और उनमें से सब ‘‘पाकिस्तान के एजेंट’’ नहीं थे| उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी पाकिस्तानी एजेंट नहीं हैं| यह मुम्किन है कि कभी वे पाकिस्तान के हामी थे, लेकिन आपको यह बताने में मुझे खुशी हो रही है कि उनमें से ज़्यादातर हिंदुस्तान के साथ रहना चाहते हैं|’’ चतरगाम में फौज की गोलीबारी में दो नौजवानो के मारे जाने के बारे में जेठमलानी ने कहा कि पीर की वाकिया में शामिल फौज के लोगों से कानून के मुताबिक निपटा जाना चाहिए|
जेठमलानी ने कहा, ‘‘अगर उन्होंने यह जानबूझकर किया है तो कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए..उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए| लेकिन यह जानने के लिए पहले इसकी पूरी जांच होनी चाहिए कि गोलीबारी किस वजह से हुई|’’
राम जेठमलानी ने कहा कि कश्मीर में फौज की तैनाती ‘‘दहशतगर्दो के खत्म होने पर खत्म कर दी जानी चाहिए |’’ उन्होंने कहा, ‘‘फौज की तैनाती जल्द से जल्द खत्म की जानी चाहिए| लेकिन दहशतगर्दी को थमने दें, मुझे यकीन है कि फौज हट जाएगी |’’
विधानसभा इंतेखाबात से पहले अलहैदगी पसंद लीडरों पर रोक लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर जेठमलानी ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (अलहैदगी पसंदों) कहा है कि वे इसके लिए ठोस सुबूत बनाएं कि उन पर रोक लगाई गई है और मैं इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाउंगा |’’