जेठमलानी ने मुतास्सिरा लड़की को बताया ज़हनी मरीज़

राजस्थान हाईकोर्ट में जब आसाराम की जमानत की दरखास्त पर पैरवी के लिए सिनीयर वकील राम जेठमलानी पहुंचे तो एक नई बहस शुरू हो गई। जेठमलानी ने मुतस्सिरा लड़की पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसे जहनी बीमारी है और वो कहानियां गढ़ती है। इसके इलावा उन्होंने मुतास्सिरा लड़की के 164 के तहत दिए गए बयान पर भी बहस की।

आसाराम की जमानत की दरखास्त पर बहस करते हुए उन्होंने दलील दी कि मुतास्सिरा लड़की कुटिया में गई ही नहीं। इसके साथ ही उन्होंने आश्रम का एक नक्शा भी पेश किया है।

हालांकि सरकारी वकील ने जेठमलानी की सभी दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी दलीलों में इख्तेलाफ है। सरकारी वकील आनंद पुरोहित का कहना है कि लड़की अगर ज़हनी तौर पर बीमार भी होती तब भी कानून के मुताबिक उसके साथ हुई हरकत को जायज नहीं ठहराया जा सकता। जेठमलानी ने लड़की की उम्र को लेकर भी सवालिया निशान लगाया है। उनका कहना है कि सिर्फ स्कूली सर्टिफिकेट की बुनियाद मानकर लड़की को नाबालिग नहीं कहा जा सकता है।

उनकी इस दलील पर पुरोहित ने कहा है कि मुतास्सिरा की उम्र के बाबत जो सर्टिफिकेट कोर्ट में दिया गया वह खुद आसाराम के स्कूल का ही है। ऐसे में उसको झुठलाया नहीं जा सकता है। जेठमलानी की दलील को देखते हुए केस डायरी को मंगवाने का फैसला किया गया। इसमें ये देखा जाएगा कि जांच कहां तक पहुंची है। पूरे मामले को देखते हुए अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख तय की है।

जेठमलानी की दलील थी कि जिंसी इस्तेहसाल के बाद मेडिकल जांच में देरी होनी की भी जांच होनी चाहिए। अब 18 सितंबर को सरकारी वकील कोर्ट में आश्रम का नक्शा पेश करेंगे। उन्होंने जेठमलानी की तरफ से पेश किए आश्रम के नक्शे को झूठा बताया है।