रियास्ती अक़लीयती कमीशन ने आंध्र प्रदेश की जेलों में महरूस मुस्लिम क़ैदीयों के मसाइल पर तवज्जा मर्कूज़ करने का फ़ैसला किया है। जिस के तहत झूटे मुक़द्दमात में फंसाए गए अफ़राद को मुफ़्त क़ानूनी इमदाद की फ़राहमी और ग़रीब और मुस्तहिक़ क़ैदीयों के लिए रज़ाकाराना तंज़ीमों की जानिब से ज़मानत की तकमील के इंतेज़ामात करने जैसे इक़दामात शामिल होंगे।
सदर नशीन अक़लीयती कमीशन आबिद रसूल ख़ान ने बताया कि उन्हें डायरेक्टर जेनरल पुलिस महाबस की जानिब से जो आदादो शुमार मिले हैं इसके एतबार से रियासत की मुख़्तलिफ़ जेलों में 116 मुस्लिम क़ैदी ऐसे हैं जिन के ख़िलाफ़ अभी तक कोई चार्ज शीट दाख़िल नहीं की गई और वो मुक़द्दमा का सामना किए बगै़र ही क़ैद और बंद की ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं।
8 क़ैदी बाशमोल एक ख़ातून की हालत इस क़दर दिगरगों है कि उन की ज़मानत पर रिहाई मुम्किन है ताहम वो ज़मानत के क़वाइद की तकमील के मौक़िफ़ में नहीं हैं जिन में रक़म की फ़राहमी और ज़मानत के तौर पर सरकारी मुलाज़मीन को पेश करना शामिल है।
इन जेलों में अक़लीयती तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले क़ैदीयों की हक़ीक़ी तादाद का सरकारी तौर पर इन्किशाफ़ नहीं किया गया ताहम एक अंदाज़ा के मुताबिक़ चंचलगुड़ा जेल में मुस्लिम क़ैदीयों की तादाद तक़रीबन 600 है जबकि चिरला पल्ली सेंट्रल जेल में अदालती तहवील में दिए गए ज़ेर दरयाफ़्त क़ैदीयों की तादाद 200 से ज़ाइद है।
कमीशन की इस मसाई से उम्मीद की जा सकती है कि जेलों में मुक़द्दमात के बगै़र ज़िंदगी गुज़ारने वाले ग़रीब क़ैदीयों की रिहाई की राह हमवार होगी और साथ ही साथ झूटे मुक़द्दमात दर्ज करने के सिलसिले में पुलिस भी एहतेयात से काम लेगी।