जेल क़ैदीयों को ख़त लिखने, पेरोल पर रिहाई और तवील रोख़स्त की इजाज़त

हैदराबाद 3 दिसमबर (सियासत न्यूज़ ) मुजरिमीन और मुल्ज़िमीन को तहवील में रखने केलिए आंधरा प्रदेश रियासत में 7 अदद सैंटर्ल जेल मौजूद हैं जो हैदराबाद चरला पली (ज़िला रंगा रेड्डी ) वरनगल राजमुंदरी अदा ऊईवा रुम (विशाखापटनम ), नैलोर और कड़पा ज़िलों में क़ायम हैं जबकि डिस्ट्रिक्ट जेल की जुमला तादाद 9 है जो सिंगा रेड्डी नलगनडा महबूबनगर निज़ाम आबाद करीमनगर आसिफ़ आबाद विजए वाड़ा गुंटूर और अनंत पर मैं वाक़्य हैं ।

सिमी ओपन जेल सिस्टम सिवाए एलीवर कुरनूल गुंटूर प्रकाशम और विजए नगरम के बाक़ी तमाम अज़ला में मौजूद हैं इसी तरह 2 अदद वीमनस जेल हैदराबाद और राजमनडरी में क़ायम हैं जबकि बरोसटल स्कूल सिर्फ निज़ाम आबाद में वाक़य है । सब जेलों की जुमला तादाद 147 हैं तो इस में से 120 सब जेलें ही कारकरद हैं । मजमूई तौर पर इन जेलों में 12 हज़ार 270 क़ैदीयों को रखने की गुंजाइश है लेकिन हमेशा उस की तादाद मुक़र्ररा तादाद से कहीं ज़्यादा होती हैं । उम्र क़ैद की सज़ा पाने वाले क़ैदीयों को उन की समाजी ज़िंदगी और अफ़राद ख़ानदान से ताल्लुक़ात को एस्तिवार रखने केलिए मुख़्तलिफ़ तरह से मुख़्तसर मुद्दत केलिए पेरोल पर रिहाई तवील रुख़स्त और एस्कार्ट पेरोल की बुनियाद पर रिहाई अमल में लाई जाती है ।

पेरोल पर रहा होने वाले क़ैदीयों का आदाद शुमार अदम दस्तयाब रहने से हम ने यहां साल 2004-05 के दौरान दस्तयाब आदाद-ओ-शुमार को पेश कररहे हैं । जेल ज़राए के बमूजब मज़कूरा साल के दौरान जुमला 511 क़ैदीयों को पेरोल पर रहा किया गया था जबकि 279 क़ैदीयों को लंबी रुख़स्त और 29 क़ैदीयों को एस्कार्ट पेरोल पर रिहाई अमल में आई थी । क़ैदीयों को बाअज़ दफ़ा यानीहंगामी हालात जिस में किसी अफ़राद ख़ानदान की मौत अज़ीज़-ओ-अका़रिब की शादी ब्याह आख़िरी रसूमात के मौक़ा पर शिरकत केलिए एमरजैंसी रुख़स्त भी मंज़ूर की जाती है । इस केलिए जेलों में वीलफ़ीर ऑफीसरस भी ताय्युनात हैं जो क़ैदीयों के अरकान ख़ानदान सेराबिता के बाद क़ैदीयों को पेरोल और तवील रुख़स्त पर रिहाई की सिफ़ारिश करते हैं ।

इस के इलावा अगर कोई क़ैदी क़ानूनी ख़िदमात से इस्तिफ़ादा का ख़ाहां हो तो अदालत के दायरे कार में अंजाम दीए जाते हैं । जेल की बाहरी दुनिया से राबिता की बरक़रारी केलिए क़ैदीयों को दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इंटरव्यूज़ की भी इजाज़त दी जाती है । मुजरिमीन को पंद्रह दिनों में एक मर्तबा और रीमांड क़ैदीयों को पंद्रह दिनों में दो मर्तबा उस की इजाज़त से क़ैदीयों पर ख़ुतूत लिखने और वसूल करने पर कोई पाबंदी नहीं है । हुकूमत की जानिबसे उम्र क़ैद क़ैदीयों को ख़ुतूत केलिए पंद्रह दिनों में एक ख़त और रीमांड क़ैदीयों को हफ़्ता में एक ख़त बेला क़ीमत फ़राहम किया जाता है ।

क़ैदीयों की जरूरतों और उन की तरक़्क़ीकेलिए वज़ारत दाख़िली उमूर हकूमत-ए-हिन्द ने ब्यूरो आफ़ पुलिस रिसर्च ऐंड डीवलपमनट के तआवुन-ओ-इश्तिराक से जेलों में इस्लाहात और एक बेहतरीन मंसूबा को क़तईयत दिया है । जो रियासत में दस्तयाब इनफ़रास्ट्रक्चर की बुनियाद पर इन केलिए मुख़्तलिफ़ फ़लाही इक़दामात करेंगे । इस सिलसिला में हुकूमत आंधरा प्रदेश ने साल 2002-03 ता 2006-07के दौरान हर साल के दौरान 21.26 के हिसाब से पाँच साल केलिए जुमला 106.31 क्रूर रूपियों का बजट मंज़ूर किया था ।

जिस के ज़रीया नए जेलों की तामीर केलिए 35.810 करोड़ मौजूदा जेलों की तज़य्युन नौ केलिए 24.130 करोड़ स्टाफ़ क्वार्टर्स की तामीर केलिए 40.460 करोड़ इस के इलावा सेनीटीशन और सरबराही आब केलिए 5.910 करोड़ रुपय ख़र्च किए गए । साल 2005-2006 के दौरान 21.26 करोड़ रुपय मुक़र्रर किए गए थे । इस ऐक्शण प्लान को साल 2005-06 में रियास्ती सतह की बाइख़तियार कमेटी ने मंज़ूर कर के हकूमत-ए-हिन्द को क्लिरेंस केलिए रवाना की थी।