सरकारी काम में रुकावट पैदा करने व सरकारी जायदाद को नुकसान पहुंचाने के एक पुराने मामले में बगोदर से भाकपा माले के एमएलए विनोद सिंह ने पीर को चीफ़ अदालती मजिस्ट्रेट की अदालत में सरेंडर किया। अदालत ने उन्हें अदालगी हिरासत में जेल भेज दिया। मिस्टर सिंह के साथ माले लीडर लक्ष्मण मंडल और वकील बबन मेहता ने भी अदालत में सरेंडर किया। वकील प्रकाश राम ने बताया कि मिस्टर सिंह की जमानत दरख्वास्त पर मंगल को सुनवाई हो सकती है।
क्या है मामला
जिला मत्स्य प्रसार ओहदेदार प्रमोद कुमार ने 30 अगस्त 2010 को कोडरमा थाने (कांड नंबर 339/10) में मामला दर्ज कराया गया था। इसमें 22 लोगों पर समाहरणालय अहाते में सरकारी जायदाद को नुकसान पहुंचाने व सरकारी काम में रुकावट डालने समेत कई इल्ज़ाम लगाये गये थे। इस मामले में दीगर मुल्ज़िम पहले ही जमानत ले चुके हैं।
उस प्रोग्राम में मैं था ही नहीं : विनोद
सरेंडर के बाद एमएलए विनोद सिंह ने सहाफ़ियों से कहा कि जिस वाकिया में पुलिस ने उन्हें नामजद मुल्ज़िम बनाया है, उस प्रोग्राम में वह मौजूद ही नहीं थे। मौजूदा एसपी ने भी उस वक़्त कहा था कि कांड में दर्ज़ विनोद सिंह बगोदर के एमएलए नहीं, बल्कि कोई दीगर है। इसके बावजूद पुलिस की गलती की वजह से उन्हें अदालत का एहतेराम करते हुए सरेंडर करना पड़ा।