इस खबर की सच्चाई सामने आ चुकी है. जेल में राजद सुप्रीमो से मिलाने के लिए पैसा वसूली करने के मामले में रंजन कुमार को पार्टी के नेताओं ने वफादार बताया है. कहा है कि वे 1990 से पार्टी में हैं. पार्टी नेता मो इस्लाम, अब्दुल मन्नान, गफ्फार अंसारी, कमलेश याद, भास्कर वर्मा सहित अन्य ने अपने बयान में कहा है कि राज्य सरकार ने तय कर दिया है कि 15 दिनों में लालू जी से सिर्फ तीन लोग ही मिल सकते हैं. कई बड़े नेता इस वजह से पार्टी अध्यक्ष से नहीं मिल पा रहे हैं. गफ्फार ने कहा कि रंजन पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं. कभी भी इन्होंने गलत काम नहीं किया. लालू जी कष्ट में हैं, फिर भी कुछ लोग साजिश के तहत घृणित कार्य कर रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
शिकायतकर्ताओं ने कहा था कि रंजन ने उन लोगों से कहा कि लालू से मिलना है, तो हर आदमी को दो-दो हजार रुपये देने होंगे. क्योंकि हम लालू के निजी सचिव हैं. पैसे देने के बाद मेरे इशारे पर ही जेल के अधिकारी लालू से मिलवा देंगे. इसको लेकर राबड़ी देवी के आवास पर फोन कर रंजन के संबंध में पता किया गया, तो वहां से कहा गया कि रंजन नाम का कोई व्यक्ति लालू का निजी सचिव नहीं है. रंजन ने समर्थकों से यह भी दावा किया कि उसने ही अन्नपूर्णा देवी को झारखंड प्रदेश राजद का अध्यक्ष लालू प्रसाद से बोलकर बनवाया है. रंजन ने इन लोगों को 9386929021 और 9431354486 नंबर भी दिया था.