जेल में बदउनवान, बाइतुलखुला, पीने का पानी की सहूलत का दिक्कत, टैंक की मरम्मत, बिजली वायरिंग को दुरुस्त करने, खिड़की, दरवाजे के पल्ले लगाने समेत दीगर मसलों को लेकर साबिक़ एमपी आनंद मोहन इतवार से जेल में भूख हड़ताल पर चले गये हैं। उनके हिमायत में पहले ही दिन 37 दीगर बंदी भी भूख हड़ताल पर चले गये हैं। जबकि तीन सौ बंदियों की तरफ से राशन नहीं लेने की इत्तिला है। जेल में मसलों के समाधान को लेकर बंदियों ने चौथी बार भूख हड़ताल शुरू किया है।
जिला इंतेजामिया और अदालत को भेजे गये दरख्वासत में क़ैदियों ने कहा कि जेल की मसला दिन-ब-दिन गहराती जा रही है। क़ैदियों की कैपेसिटी के मुक़ाबले में न तो बाइतुल खुला है और न पानी पीने की सहूलत । खिड़की व दरवाजे के बिना न सिर्फ क़ैदी परेशानी झेलते हैं, बल्कि बीमार भी हो रहे हैं। जदीद किचेन, कैदी मुलाकात इमारत वगैरह के नाम पर लाखों खर्च किये जाने के बाद भी इसका फाइदा क़ैदियों को नहीं मिल रहा है। शार्ट सर्किट की वजह किसी भी वक़्त जेल में बड़ा हादसा हो सकता है। दरख्वास्त में कहा गया गया कि जेल में पीएचईडी के सात मुलाज़िम काम कर रहे हैं, लेकिन दो दहाई से वाटर टावर से सप्लाई बंद है।
भूख हड़ताल करने वालों ने पहले कमिशनर के जायजा और पूर्णिया मरकज़ी जेल के सुप्रीटेंडेंट व मुक़ामी इंतेजामिया की तरफ से मार्च तक तमाम मसलों के हल का यकीन दिहानी दिया गया था। लेकिन आधा मार्च बीत जाने के बाद भी टेंडर तक नहीं निकाला गया है। जिससे क़ैदियों को चौथी बार भूख हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ा है। पूछे जाने पर जेल सुप्रीटेंडेंट अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि 38 लोगों की तरफ से भूख हड़ताल की इत्तिला दी गई है। इस सिम्त में जरूरी कार्रवाई की जा रही है।