जॉब मेलों में आई टी आई ओल्ड सिटी आने से कई कंपनियों का गुरेज़

हैदराबाद२० मई ( एजैंसीज़ ) पुराने शहर से यूं तो ज़िंदगी के हर शोबा में इमतियाज़ बरता जाता है और पुराने शहर में रहने वालों को मुसावी मवाक़े फ़राहम नहीं किए जाते । गुज़शता दिनों में जब राजीव यूह करना लो के तहत शहर में रास्त तक़र्रुर के लिए जॉब मैले मुनाक़िद हुए तो पुराने शहर को ख़ुद बड़ी और मारूफ़ ख़ानगी कंपनीयों ने भी नज़रअंदाज कर दिया और यहां रोज़गार की तलाश में आने वाले पुराने शहर के मकीनों को मायूसी का सामना करना पड़ा ।

इस सिलसिला में जो सरकारी आदाद-ओ-शुमार जारी किए गए हैं उन के मुताबिक़ इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीटियूट ( आई टी आई ) मुशीर आबाद पर 11 कंपनीयों ने जॉब मेला में हिस्सा लिया और 141 उम्मीदवारों का मुलाज़मतों के लिए इंतिख़ाब अमल में आया । उन्हें मुनासिब ट्रेनिंग दी जाएगी । इस के बरख़िलाफ़ पुराने शहर से मुताल्लिक़ आई टी आई में भी जॉब मेला मुनाक़िद हुआ जहां सिर्फ एक ख़ानगी कंपनी वालों ने दिलचस्पी दिखाई और दूसरी कंपनियों ने यहां का रुख नहीं किया । इस मेला में जुमला 243 उम्मीदवार आए थे उन के मिनजुमला सिर्फ़ 10 उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट किया गया ।

ज़िला इंतिज़ामीया की जानिब से राजीव यूह करना लो मिशन के तहत हर माह के पहले और तीसरे चहारशंबा को ख़ानगी कंपनीयों में नौजवानों को मुलाज़मतें दिलाने जॉब मैले मुनाक़िद करने का फ़ैसला किया था जिस के तहत गुज़शता चहारशंबा को पुराने शहर की आई टी आई में भी ये मेला रखा गया लेकिन यहां सिर्फ एक कंपनी का अमला पहूँचा और दूसरों ने उसे नज़रअंदाज कर दिया । पुराने शहर में 12,743 बेरोज़गार नौजवान रजिस्टर्ड हैं ।

रियास्ती हुकूमत चाहती है कि रियासत में साल 2014 तक पंद्रह लाख नौजवानों को रोज़गार फ़राहम किया जाय । इस के लिए दो तरीक़े इख़तियार किए जा रहे हैं। पहला तरीक़ा रास्त तक़र्रुर के लिए जॉब मेला का इनइक़ाद है और दूसरा तरीक़ा ट्रेनिंग-ओ-तक़र्रुर का है । इस तरीका-ए-कार के तहत जिन शोबा जात में मांग ज़्यादा है इन में नौजवानों को तर्बीयत फ़राहम करते हुए तक़र्रुत में मदद फ़राहम की जाती है ।

हैदराबाद ज़िला इंतिज़ामीया का निशाना है कि जारीया मालीयाती साल के दौरान रास्त तक़र्रुर के जॉब मेलों के ज़रीया 10,000 नौजवानों को रोज़गार फ़राहम किया जाय । गुज़शता मर्तबा जॉब मेला के मौक़ा पर ख़ानगी कंपनीयों ने सिर्फ आई टी आई मुशीर आबाद और आई टी आई सनअत नगर से रुजू होकर तक़र्रुत करने को तर्जीह दी थी और आई टी आई ओलड सिटी और आई टी आई मिले पली को यकसर नज़रअंदाज कर दिया गया था ।

हालाँकि जो नौजवान इस मर्तबा मायूस हुए हैं इन के लिए ये कहा जा रहा है कि उन्हें आइन्दा मर्तबा ज़रूर मौक़ा मिल सकता है क्योंकि ये जॉब मैले महीने में दो मर्तबा मुनाक़िद होने वाले हैं लेकिन यक़ीनी तौर पर ये कहा जा सकता है कि पुराना शहर के साथ इस मुआमला में भी इमतियाज़ बरता जा रहा है और पुराने शहर के नौजवानों को रोज़गार से महरूम करना इस का मक़सद है । अब तक सरकारी सतह पर और मुख़्तलिफ़ सरकारी अवामी-ओ-फ़लाही असकीमात में पुराने शहर और पुराने शहर के अवाम से इमतियाज़ बरता जाता था और उन्हें मवाक़े से महरूम होना पड़ता रहा है लेकिन राजीव यूह करना लो के तहत मुनाक़िद होने वाले इस तरह के जॉब मेलों में भी अब पुराने शहर के नौजवानों को महरूम किया जा रहा है ।

सरकारी ओहदेदार कहते हैं कि रास्त जॉब मेले में तक़र्रुत के अमल में हिस्सा लेने वाली कंपनियां नहीं जानती कि इन का तक़र्रुर करदा शख़्स किस अहलीयत का हामिल है इस लिए वो ज़्यादा तर ट्रेनिंग के बाद तक़र्रुर के तरीक़ा को पसंद करती हैं और इस तरीका-ए-कार में पुराने शहर और नए शहर के रोज़गार पाने वाले अफ़राद के आदाद-ओ-शुमार में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं है ।

ओहदेदारों का इद्दिआ है कि ज़िला इंतिज़ामीया का अमला इस बात को यक़ीनी बनाने की कोशिश कर रहा है कि पुराने शहर के नौजवान रोज़गार से मुताल्लिक़ इस मुहिम से महरूम ना रहने पाउं। इसी कोशिश के तौर पर ये तजवीज़ है कि आइन्दा जॉब मेलों के इनइक़ाद के मौक़ा पर मेले के मुक़ाम को ओलड सिटी आई टी आई से मुशीर आबाद आई टी आई को मुंतक़िल किया जाय ।