जोधपुर जेल मे मुस्लिम युवाओ की हालत ठीक नहीं: अमीक जामेई

पीसीपीटी के को-कनवीनर अमीक जामेई की जोधपुर सेंट्रल जेल मे निर्दोष युवाओ से मुलाकात!
दो साल होने पर भी चार्ज फ्रेम नहीं, पढ़ाई जारी रखने के लिए जेल प्रशासन नहीं कर रहा मदद!
कोर्ट मे पेशी के दौरान बन जाते है जान से मार देने के माहौल!राजस्थान एटीएस सांप्रदायिक तौर से करती है काम!

जोधपुर, 21 जुलाई 2016|  2014 मे दिल्ली मे अबुल फज़ल से इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े होने के संदेह मे दिल्ली स्पेशल सेल ने अम्मार यासिर को गिरफ्तार किया गया था लेकिन गिरफ़्तार करने के 24 घंटे बाद ही पुलिस ने उसे ये कहकर क्लीन चिट दे दी थी की अम्मार यासिर के खिलाफ कुछ नहीं मिला, इसके बाद अम्मार उमरा पर सऊदी गये थे और उनको लौटते ही झारखंड मे शेरघाटी से राजस्थान एटीएस ने गिरफ़्तार कर लिया था ,उनके पिता रेलवे से रिटायर्ड हैं अम्मार ही उनकी रोज़ी रोटी का सहारा था जो अपने सपनों के लिए बीटेक करने जयपुर गया था लेकिन उसके अरमान जोधपुर की जेल की काल कोठरी मे सड़ रहे है|, पिता और उनकी माँ की अंखे रो रो के पथरा गई है,
बीते रमज़ान मे अम्मार की माँ ने पीसीपीटी के को-कनवीनर अमीक जामेई को फोन करके कहा था कि अम्मार आपसे मिलना चाहता है |

पीसीपीटी के को-कनवीनर अमीक जामेई से साकिब अंसारी, अदिल अंसारी, बरकत, जुनैद, अब्दुल ज़हीर, इकबाल, वकार, मारूफ़ और अम्मार यासिर के परिवार के लोग मिलने आए और घंटो बैठक मे बात चीत हुयी, इकबाल के पत्नी ने उन्हें बताया की उनके तीन बच्चे है बड़ा बेटा वकील बनना चाहता है, इकबाल ठेला लगाते है उनके जेल मे जाने के बाद अब उनका कोई सहारा नहीं है, मुहल्ले पड़ोस वाले भी उनके साथ ठीक से बर्ताव नहीं करते, लोकल अखबारो की रिपोर्ट के आधार पर वो इकबाल को ग़लत ठहराते है एक तरह से समाज मे बायकाट की ज़िंदगी जी रही उनके पत्नी कहती हैं कि  उन्हे सिर्फ अल्लाह पर भरोसा है और उनके पति निर्दोष है और छूट कर आएंगे! अमीक जामेई का कहना है कि इकबाल या इन जैसों युवको पर इल्ज़ाम इस बात पर है की उन्होने जोधपुर के नजदीक मंडोर मे एक मीटिंग की जिसमे इस्लाम और तबलीग़ की बाते हुयी, और कुछ युवाओ के साथ चैटिंग की डिटेल है जिसमें कथित तौर पर सामान्य बात चीत को राजस्थान एटीएस ने कोडवर्ड मे बम बारूद डिनोटर के तौर पर दिखाया है, उपरोक्त परिवारों मे अम्मार यासिर को छोड़ बाकी कई रंग रोगन, पत्थर तोड़ने के कम करते थे, इनके पास वकीलो के लिए फीस नहीं और न ही किसी सीनियर वकील कर लेने की इनकी हैसियत!
अम्मार यासिर से 20 मिनट की जेल मुलाक़ात मे पीसीपीटी के को-कनवीनर अमीक जामेई से कहा उसके केस मे पुलिस ने एक दिन मे जोधपुर और जयपुर मे मीटिंग करने की एफआईआर दर्ज की लेकिन आजतक राजस्थान पुलिस ने चार्ज फ्रेम नहीं किए है और न ही कोई सीनियर वकील इस मामले मे है, उसने कहा देखा जाए तो ऐसे एफआईआर अपने आप रद्द हो जानी चाहिए|
पीसीपीटी के को-कनवीनर अमीक जामेई अपनी लीडरशिप के साथ जेलो मे निर्दोष युवाओ से मुलाकात कर रहे है इस कड़ी मे जोधपुर जेल का दौरा हुआ है, उनकी कोशिश है की सामाजिक राजनीतिक ताकतों के साथ राजस्थान मे पीसीपीटी दबाव बनाने का काम करेगी और अगस्त मे एक बड़ा राष्ट्रीय स्तर सम्मेलन जयपुर मे किया जाएगा और जहा ज़रूरत हुयी वहा युवाओ के लिए वकील खड़ा करेगी! जामेई ने कहा कि केंद्र राज्य की सरकार दलित मुक्त भारत के बाद मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है जिस सपने को पूरे नहीं होने दिया जाएगा, उन्होने मांग की राज्य सरकार की पुलिस इस मामले मे चार्ज फ्रेम कर ट्राइल शुरू करे और किसी भी निर्दोष ज़िंदगी को ऐसे बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा!