जो ‘सराब और शराब’ का फर्क नहीं जानते वो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं : अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में तीन दलों के गठबंधन को लेकर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. एक ट्वीट के जरिये नरेंद्र मोदी को ‘टेली-प्रॉम्प्टर’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं.’ इसी ट्वीट में अखिलेश यादव ने आगे लिखा है, ‘सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सपना है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पांच साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता. जब नया चुनाव आ गया है तो वह नया सराब दिखा रहे हैं.’

इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरएलडी) ने भी प्रधानमंत्री पर इस बयान को लेकर तंज कसा है. एक ट्वीट के जरिये आरएलडी ने कहा है, ‘पांच साल में स और श का अंतर भी नहीं सीखा. यह अंतर हम सिखा दते हैं.’ इसी ट्वीट में आरजेडी ने आगे लिखा है, ‘अमित शाह का श राजनाथ सिंह का रा और बीजेपी का ब. बन गया शराब. शराबबंदी में धड़ल्ले से बिकता गुजराती शराब!’

इससे पहले गुरुवार को ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने सपा, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन पर निशाना साधा था. उन्होंने इन तीनों दलों के शुरुआती अक्षरों को जोड़कर बनने वाले शब्द पर गौर करने के लिए कहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था सपा के स, आरएलडी के रा और बसपा के ब से मिलकर ‘सराब’ शब्द बनता है. इसके साथ ही उन्होंने सराब को उत्तर प्रदेश और देश के विकास के लिए नुकसान पहुंचाने वाला भी बताया था.

आगामी आम चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और आरएलडी ने गठबंधन कर रखा है. सपा राज्य की 80 संसदीय सीटों में से 37, बसपा 38 और आरएलडी तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा भी की है.