नई दिल्ली: देश में चल रही जौहरियों की हड़ताल को एक महीना हो चुका है। जौहरियों की दुकानें पहले कभी भी इतने लम्बे वक़्त के लिए बंद नहीं रहीं। हड़ताल के चलते जौहरी दुकानें छोड़कर रोज सड़कों पर रोज रैलियां कर रहें हैं जिसमें वह सोने-चांदी के गहनों पर बढ़ी एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी का विरोध कर रहें हैं । इस मामले को लेकर जौहरियों ने सरकार से बातचीत की है लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा। आपको बता दें कि सरकार कुछ प्रावधानों पर सुधार के लिए तैयार है, लेकिन एक्साइज़ ड्यूटी वापस लेने को तैयार नहीं। इस मामले को सुलझाने के लिए एक हाइपावर कमेटी बनाई गई है जोकि 60 दिनों में रिपोर्ट देगी, लेकिन जौहरी इससे संतुष्ट नहीं हैं। लिहाजा, उनकी हड़ताल जारी है।
सूत्रों का कहना है कि इस हड़ताल से हर दिन हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार, देश में रोजाना पांच से 6,000 करोड़ रुपये का सोने का कारोबार होता है। अब तक देशभर में व्यापार के नुकसान का आंकड़ा एक लाख करोड़ को पार कर चुका है, लेकिन समाधान का रास्ता नजर नहीं आ रहा है।