तेहरान, 02 मार्च: ( एजेंसी) ईरान के मुतनाज़ा जौहरी प्रोग्राम के हवाले से तहरान के आलमी ताक़तों के साथ रवां हफ़्ते मुनाक़िदा मुज़ाकरात मुसबत रहे हैं।
ईरानी वज़ीर ए ख़ारेजा अली अकबर सालही ने मुज़ाकरात के एक रोज़ बाद कहा कि इन मुज़ाकरात में अहम पेशरफ्त हुई है। सालही का कहना था कि वो इस पेशरफ्त को एक संग-ए-मील का नाम देंगे और ये मुज़ाकरात एक फैसलाकुन मोड़ साबित हो सकते हैं।
ईरानी ब्रॉडकास्टर ओ आर एफ को इंटरव्यू देते हुए सालही का कहना था, हम ऐसे मक़सद की तरफ़ बढ़ रहे हैं जो दोनों फ़रीक़ों के लिए काबिल-ए-क़बूल होगा, मैं बहुत पुरउम्मीद हूँ। ज़राए इबलाग़ के मुताबिक़ मग़रिबी सिफ़ारतकारों ने भी मुज़ाकरात के मुसबत सिम्त में बढ़ने का इशारा दिया है।
ईरान ने जब से न्यूक्लियर प्रोग्राम शुरू किया है अमेरीका की क़ियादत में तमाम मग़रिबी ताकतें उसे न्यूक्लियर हथियार की तैयारी की सिम्त इक़दाम क़रार देते हुए मआशी तहदेदात आइद कर रही हैं , हालाँकि तेहरान का मुसलसल इसरार रहा है कि वो बर्क़ी तवानाई और पुरअमन मक़ासिद के लिए न्यूक्लियर प्रोग्राम पर अमल पैरा है ।