शहनशाही नहीं हम को फ़क़ीरी कर अता मौला
ज़मीनों पर नहीं दिल पर हुकूमत चाहते हैं हम
करो अपना भला लेकिन वतन को बेच मत डालो
सियासत में भी थोड़ी शराफ़त चाहते हैं हम
अज़ : जलील अज़हर (निर्मल)
शहनशाही नहीं हम को फ़क़ीरी कर अता मौला
ज़मीनों पर नहीं दिल पर हुकूमत चाहते हैं हम
करो अपना भला लेकिन वतन को बेच मत डालो
सियासत में भी थोड़ी शराफ़त चाहते हैं हम
अज़ : जलील अज़हर (निर्मल)