अदालती मजिस्ट्रेट मो. उमर ने सरकारी काम में रुकावट डालने के एक मामले (जीआर केस नंबर 2979/ 2004) में झरिया के एमएलए संजीव सिंह को मुजरिम ठहराते हुए छह माह के क़ैद की सजा सुनायी है। एमएलए को जमानत दे दी गयी है। उन्हें फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज देने के लिए एक माह का वक़्त दिया गया है।
इस मामले में एमएलए के शरीक मुल्ज़िम और एमएलए का चचेरे भाई शशि सिंह फिलहाल फरार चल रहा है। शशि सिंह को मामले से अलग कर सुनवाई पूरी की गयी। झरिया एमएलए पर धनबाद थाना में साल 2004 में पुलिस की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था।
उस समय संजीव सिंह पर अपने चाचा एवं बलिया (यूपी) जिला कोनसिल के सदर रामधीर सिंह को कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस के काम में रुकावट डालने का इल्ज़ाम लगा था। साथ में शशि सिंह जो रामधीर सिंह के बेटे हैं, को भी नामजद मुल्ज़िम बनाया गया था।