पसमान्दगी के नये मेयार की ताइन करने के लिए तशकील रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट ने बिहार, झारखंड, ओड़ीसा, छत्तीसगढ समेत दस रियासतों को इंतिहाई कम तरक़्क़ी रियासत समझा है। कमेटी की रिपोर्ट को जुमेरात को आम किया गया।
काबिले ज़िक्र है कि बिहार के वज़ीरे आला नीतीश कुमार ने पसमान्दा के नये मयार तय करने की मांग की थी, जिसके बाद मर्कज़ ने कमेटी की तशकील की थी।
कमेटी की रिपोर्ट को आम करते हुए वज़ीरे खज़ाना पी चिदंबरम ने कहा कि कमेटी ने पसमान्दा रियासतों को तीन इकसाम इंतिहाई कम तरक़्क़ी याफ़्ता, कम तरक़्क़ी याफ़्ता और तरक़्क़ी याफ़्ता रियासत में बांटने का मशवरा दिया है। इसी बुनियाद पर इन रियासतों को इजाफ़ी मदद दी जाये। उन्होंने कहा कि वज़ीरे आजम डॉ मनमोहन सिंह ने भी इस रिपोर्ट को कबुल करते हुए इस सिम्त में आगे की कार्रवाई करने की हिदायत दिया है। इसके तहत रियासतों की जरूरत और तरक़्क़ी के इलाकों में मुजाहेरा की बुनियाद पर फंड तक़सीम किया जायेगा।
कमेटी ने कसीर ज़हती टेबल (मल्टी डायमेंशनल इंडेक्स) की बुनियाद पर फंड मुखतीस करने की बात कही है, उससे बिहार समेत दीगर पसमान्दा रियासतों को भी फायदा होगा। चूंकि बिहार और ओड़ीसा को सबसे ज्यादा पासमानदा माना गया है, इसलिए इन दोनों रियासतों को मरकज़ी हुकूमत की तरफ से फिक्स्ड मुखतीस के साथ ही बिना शर्त मुखतीस की भी मंजूरी मरकज़ी हुकूमत दे सकती है।
क्या है सूरते हाल झारखंड की
गुरबत : 45.3%
फी सख्स आमदनी (2004-05 की कीमत पर) 18510 रु
फी सख्स आनाज की फराहम 250 ग्राम
आबपसी इलाका 13%
तालीमी शरह 67.63%
कुल सड़कों की लंबाई (किलोमीटर) 33194
फी स्क्वाइर किलोमीटर सड़कों की लंबाई 21.4
बिजली की फराहम 45.8%
कैटेगरी : इंतिहाई कम तरक़्क़ी याफ़्ता
बिहार, झारखंड, समेत दस रियासत सबसे कम तरक़्क़ी रियासतों की जमरे में शामिल किये गये हैं।
इन्हें अब मर्कज़ से इजाफ़ी मदद मिल सकेगी। इसके लिए एक नयी सिस्टम ईज़ाद की गयी है। इसकी बुनियाद पासमानदा रियासतों की जरूरत और उनकी कामयाबी होगा। माओनवाज़ तसद्दुद रियासत सबसे कम तरक़्क़ी रियासतों की फेहरिस्त में शामिल हैं, जिससे उन्हें अब ज़्यादा फंड मुखतीस होंगे। जरूरत और कामयाबी की बुनियाद पर बनी टेबल हर पांच साल में नज़र सानी होगी।