झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में फेल तालिबे इल्म को पास करानेवाले गिरोह का मामला पकड़ाया है। मैट्रिक और इंटर में फेल तालिबे इल्म से मोटी रकम लेकर गिरोह उसे पास करता था। इसमें जैक के ही मुलाज़मीन शामिल थे। गिरोह के मेम्बर इत्तिला के हक़ के तहत पहले फेल तालिबे इल्म की जवाब कॉपी निकलवाते थे। इन कॉपियों में खुद से मार्क्स बढ़ा देते थे। फिर तालिबे इल्म को स्क्रूटनी के लिए दरख्वास्त जमा करने को कहते थे। जैक में यह गिरोह सालों से काम कर रहा था। मामले के खुलासे के बाद जैक सदर ने गिरोह के चीफ़ प्रभाकर सिंह को बरखास्त कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है। कई और मुलाज़मीन के गिरोह में शामिल होने की खद्शा है।
ऐसे हुआ खुलासा
मार्क्स में अजाफ़ा के बाद गिरोह से जुड़े स्टाफ ओहदेदार के पास फाइल भेजते थे। जैक ओहदेदारों को शक हुआ कि आरटीआई के तहत मांगी गयी ज़्यादातर जवाब कॉपी की स्क्रूटनी में तलीबिए इल्म पास कैसे हो जाते हैं। इसके बाद मुतल्लिक़ मुलाज़िम को जवाब कॉपी दिखाने की हिदायत दिया गया। मुलाज़िम ने पहले तो आनाकानी की। बाद में जब कॉपियां देखी गयीं, तो मामले का खुलासा हुआ।
पैसे देने की बात कबुल की
मामले का खुलासा जमशेदपुर के एक तालिबे इल्म की जवाब कॉपी से हुआ। स्क्रूटनी की गयी, तो पाया गया कि उसकी कॉपी में बाद में मार्क्स बढ़ाया गया है। इस सिलसिले में तालिबे इल्म से पूछताछ की गयी, तो उसने एक मुलाज़िम को पैसे देने की बात कबुल की।