झारखंड के खजाने में जमा होगा 2.02 क्विंटल सोना

चारा घोटाले के मुजरिमों के ठिकानों से बरामद 202 किलो 285 ग्राम सोना रियासत हुकूमत के खजाने में जमा होगा। इन मुल्जिमानों ने जब्त किये गये सोना पर से अपना दावा छोड़ दिया था। सीबीआइ के मौजूदा खुसुसि जज पीके सिंह ने जब्त सोना को सरकारी खजाने में जमा करने का हुक्म दिया था। सीबीआइ ने इससे सिलसिले में कानूनी अमल पूरी करने की पहल शुरू कर दी है।

जल्द ही अदालती कार्रवाई पूरी कर 202 किलो 285 ग्राम सोना सरकारी खजाने में जमा करा दिया जायेगा। चारा घोटाले की जांच के दौरान सिर्फ चार मुल्ज़िम के पास से इतना सोना जब्त किया गया था। सबसे ज़्यादा सोना मौजूदा मुक़ामी असिस्टेंट डाइरेक्टर (पशुपालन) केएम प्रसाद के पास से जब्त किया गया था। उसके ठिकानों से 106 किलो 33 ग्राम सोना बरामद हुआ था। सीबीआइ की तरफ से चारा घोटाले के किंग पिन के तौर में निशानदेही इस सरकारी अफसर ने सुनवाई के दौरान जब्त सोना पर से अपना दावा छोड़ दिया था। उसने अदालत को दिये अपने बयान में कहा था कि सोना उसका नहीं है।

यही हालत सप्लायर दयानंद कश्यप की भी है। उसने भी अदालत में जब्त सोना पर से अपना दावा छोड़ दिया था। जांच के दौरान उसके पास से 15 किलो 231 ग्राम सोना जब्त किया गया था। इस मुल्ज़िम ने मेसर्स वैष्णव इंटरप्राइजेज नामी कारोबारी अदारे के सहारे महकमा में फरजी सप्लाय की थी। मौजूदा बिहार सरकार ने उसे बिहार रियासत 20 नुकाती प्रोग्राम अमलदार आमद कमेटी का सदर मुकर्रर किया था।

चारा घोटाले में बड़े सप्लायर के तौर में चिह्न्ति पटना के मेसर्स बिहार सजिर्को और मेसर्स मानस सेल्स के मालिक त्रिपुरारी मोहन प्रसाद के ठिकानों से भी 49 किलो 475 ग्राम सोना जब्त किया गया था। इस मुल्ज़िम ने भी आरसी 20ए/96 की सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से जब्त किये गये सोना की मिक़दार पर अपना दावा छोड़ दिया था।

चारा घोटाले के किंग पिन के तौर में निशानदेही मौजूदा इलाकाई अक़वाम डाइरेक्टर (पशुपालन) डॉ श्याम बिहारी सिन्हा के ठिकानों से भी 31 किलो 546 ग्राम सोना जब्त किया गया था। मामले की सुनवाई शुरू होने से पहले ही सिन्हा की मौत हो गयी। फिलहाल उसके पास से जब्त सोना का कोई दावेदार नहीं है। उसके अहले खाना ने भी इस पर से अपना दावा छोड़ दिया है। इसलिए चारा घोटाले का फैसला सुनाते हुए सीबीआइ के मौजूदा खुसुसि जज पीके सिंह ने जब्त सोने को सरकारी खजाने में जमा करने का हुक्म दिया था।