झारखंड के पांच जिलों से 38 पहाड़ गायब हो गये हैं। इनका वजूद पूरी तरह खत्म हो गया है। जहां कभी पहाड़ियां हुआ करती थीं, आज प्लेन है। ये अदादो शुमार सिर्फ पांच जिलों के हैं। झारखंड में 24 पहाड़ पूरी तरह खत्म होने की हालत में हैं। इनके साइज़ नाम के बचे हैं।
इनमें हजारीबाग के 14, साहेबगंज के तीन, लोहरदगा के दो, पलामू के चार और कोडरमा के एक पहाड़ शामिल हैं। यही नहीं, छह जिलों के 53 पहाड़ों का वजूद खतरे में है। इनकी खुदाई में हाथ लग चुका है। धनबाद, गिरिडीह और मशरिकी व मगरीबी सिंहभूम में भी कई पहाड़ों में कटाई का काम चल रहा है। कुछ को तो हुकूमत ने लाइसेंस दिया है, बाकी गैर कानूनी हैं। पत्थर माफियाओं ने सबसे ज़्यादा लातेहार में पहाड़ों को नुकसान पहुंचाया है।
जिले के मुखतलिफ़ हिस्सों में 23 पहाड़ जमीन में मिल गये हैं। इनका वजूद तकरीबन खत्म हो गया है। कोडरमा में पांच, गुमला में चार और लोहरदगा में तीन पहाड़ पूरी तरह खत्म हो गये हैं। संताल परगना में पाकुड़ और साहेबगंज में भी कुछ पहाड़ गायब हो गये हैं।
इन जिलों में पत्थर माफिया नियमों को ताक पर रख कर कानकुनी कर रहे हैं। सिर्फ कोडरमा के डोमचांच, मरकच्चो और चंदवारा में ही 600 से ज़्यादा क्रशर हैं। यहां 150 से ज़्यादा खदान हैं।
लोहरदगा में भी 72 छोटे-बड़े पहाड़ों को लीज पर दे दिया गया है। 28 क्रशर पत्थरों को तोड़ने के लिए तैयार बैठा है। जिले के ओएना टोंगरी पहाड़ 12 लोगों को लीज पर दिया गया है। यहां सात क्रशर काम कर रहे हैं।
हजारीबाग के जिला कानकुनी ओहदेदार नारायण राम के मुताबिक, जिले में महज़ 10 क्रशर को ही लाइसेंस दिया गया है। पर हकीकत कुछ और है, हजारीबाग में सैकड़ों गैर कानूनी क्रशर चल रहे हैं। खबर तो यह है कि महज़ इचाक में 500 से ज़्यादा क्रशर चल रहे हैं। बरकट्ठा में करीब 100 क्रशर काम कर रहे हैं। जिले में क्रशर के 450 दरख्वास्त पड़े हैं।
संताल परगना में पाकुड़ और साहेबगंज जिला पत्थर कानकुनी का हब बन गया है। कुछ पहाड़ों को तो हुकूमत ने ही लीज पर दिया था। पर तीन पहाड़ों को गैर कानूनी कानकुनी ने खत्म कर दिया। ज़राये के मुताबिक, सिर्फ साहेबगंज से ही रोजाना दो हजार ट्रक पत्थरों की ढुलाई होती है। पाकुड़ जिला कानकुनी महकमा ने 2008 में 88 गैर कानूनी पत्थर माइनिंग को निशानदेही किया था। तकरीबन 300 एकड़ में फैले पहाड़ पर गैर कानूनी पत्थर कानकुनी काम चलने की इत्तिला इंतेजामिया को थी।
झारखंड में हुकूमत आसानी से पहाड़ियों को काटने के लिए लीज दे रही है। सिर्फ राजमहल में 395 माइंस को लीज मिला है। यहां से खुदाई तो हो ही रही है लेकिन इसके अलावा यहां तकरीबन 2000 से ज्यादा मुकाम पर दिन रात धमाके कर पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है। हाल में संतालपरगना के कई इलाकों में धमाके खेज आलात लदे गाड़ियों को पकड़ा भी गया है।
बाशुक्रिया : प्रभात खबर